scriptमौत के बाद भी मां देख सकेगी दुनिया | Mother can see the world after death | Patrika News
कवर्धा

मौत के बाद भी मां देख सकेगी दुनिया

बोड़ला विकासखंड के ग्राम कुसुमघटा में मां के निधन के बाद उनकी आंखें दान की गई, ताकि कोई और उनकी नजरों से दुनिया देख सके।

कवर्धाSep 01, 2018 / 11:37 am

Yashwant Jhariya

kawardha

मौत के बाद भी मां देख सकेगी दुनिया

कवर्धा . राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा के दौरान अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत बोड़ला विकासखंड के ग्राम कुसुमघटा में मां के निधन के बाद उनकी आंखें दान की गई, ताकि कोई और उनकी नजरों से दुनिया देख सके।
खोरबहरीन वर्मा काफी वृद्ध हो चुकी थी, तीन दिन पूर्व ही उसकी मौत हो गई। ऐसे में उनके निधन के तुरंत बाद ग्राम और परिवार के सदस्यों की अच्छी सोच के चलते उनकी आंखों को दान करने का निर्णय लिया। भीषम वर्मा ने अपनी मां के नेत्रदान के लिए डॉक्टर से संपर्क किया। जिला टीम में नेत्र सर्जन डॉ. उषा सिंह, नेत्र सहायक मनीष जॉय द्वारा ग्राम कुसुमघटा जाकर रात में नेत्रों को सुरक्षित निकालकर कवर्धा लाया और उसे नेत्र बैंक मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। वहां से जरूरतमंद लोगों को आंखे दी जाएगी।
कर सकते हैं नेत्रदान
सामान्यत: 5 से 60 वर्ष के आयु वर्ग के हर व्यक्ति की आंख दान के लिए उपयुक्त होते हैं। मृृत्यु के 06 घंटे के भीतर नेत्र निकाली जा सकती है। वहीं रैबिज, टिटनेस, एड्स, हेपेटाईटिस, सर्पदंश, जलने या डूबने से हुई मृत्यु में नेत्रों के दान के लिए
नेत्रदान पखवाड़ा
25 अगस्त से 08 सितम्बर तक नेत्रदान पखवाड़ा आयोजित है। प्रयास किया जा रहा है कि प्रदेश में लगभग 25-30 हजार लोग जो कार्निया में सफेदी के कारण अंधे हो चुके हैं उन्हें फिर से रौशनी मिल सके। खोरबहरीन के दोनों नेत्र से अब दो नेत्रहीन व्यक्तियों को नेत्र ज्योति मिल सकेगी।
जिला अस्पताल की नेत्र सर्जन डॉ. उषा सिंह ने बताया कि मृत्यु के बाद आंखें यदि खुली है और नेत्रदान के इच्छुक हो तो आंखे बंद कर दें और गीला रूमाल आंखों पर रख दें। पंखा बंदकर दें जिससे कार्निया खराब न हो।

Home / Kawardha / मौत के बाद भी मां देख सकेगी दुनिया

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो