नगर में पहले की अपेक्षा ट्रैफिक काफी बढ़ा भी है। नेशनल हाइवे होने कारण यहां से रोजाना सैकड़ों भारी वाहनों की आवाजाही होती है। दलदली बॉक्साइड खदान पहुंचने के लिए भी ट्रकों को बोड़ला की तंग सड़कों से होकर गुजरना होता है। वहीं बस स्टैण्ड के कारण बसों व मोटर साइकिलों का भी आना-जाना लगा रहता है। इस पर नियमों ताक पर रखकर सड़क किनारे दुकान लगाने से भीड़ और बढ़ जाती है। नतीजतन ट्रैफिक जाम हो जाता है। जाम से निकलने में लोगों को कई घंटे लग जाते हैं। इधर प्रशासन द्वारा बाजार को व्यवस्थित करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है, जिससे आम लोगों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही है। सबसे ज्यादा परेशानी विद्यार्थियों को होती है। जाम के कारण अक्सर उन्हें स्कूल पहुंचने में देर हो जाती है।
जागरुकता में कमी के कारण लोग सड़क किनारे ही अपनी साइकिल व मोटर साइकिलें खड़ी कर देते हैं, जिसके चलते भी अक्सर सड़क जाम हो जाती है। वहीं अस्थायी बस स्टैण्ड होने से बसें सड़कों पर खड़ी हो जाती हैं। यात्रियों के चढऩे-उतरने तक सड़कों पर गाडिय़ों की भीड़ लग जाती है। जाम की समस्या से निजात पाने के लिए निश्चित पार्किंग स्थान की व्यवस्था किया जाना चाहिए। वहीं सड़क किनारे यातायात नियमों के बार्ड लगाए जाने चाहिए, जिससे कि लोगों में जागरुकता आए। ऐसे करने से छोटे छोटे होने वाली घटनाओं को रोका जा सकता है, लेकिन इस ओर काई ध्यान नहीं दे रहा है।
पिछले कुछ सालों में यहां वाहनों की आवाजाही में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं नेशनल हाइवे होने से रोजाना सैकड़ों भारी वाहन दौड़ते हैं। वाहनों की संख्या बढऩे के साथ ही सड़कें सकरी लगने लगी है। इसका का मुख्य कारण पार्किंग स्थल का अभाव है। वहीं व्यवस्थित बाजार के अभाव में सड़क लगी सब्जी दुकाने ट्रैफिक को बढ़ा देते हैं। ऐसे में ट्रैफिक जाम होना आम बात है। जाम के कारण अक्सर हादसे होते रहते हैं। बावजूद इसके नगरीय प्रशासन बाजार व्यवस्थित करने के दिशा में कोई पहल नहीं किया जा रहा है। इसके कारण अधिक परेशनी हो रही है हादसे में हो चुके हैं।