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कवर्धा

अब तक नहीं सुधरी डबराभाट के गलियों की सुरत

ग्राम पंचायत डबराभाट सरपंच और सचिव की लापरवाही के कारण पिछड़ते जा रहे हैं। गांव में गंदे पानी के निकास के लिए कोई सुचारू व्यवस्था नहीं बनी है। निकासी के अभाव में घरों से निकलने वाला गंदा पानी गली पर आकर जमा हो जाती है।

कवर्धाApr 04, 2019 / 11:39 am

Panch Chandravanshi

Sunrise streets

Sunrise streets

कवर्धा. बरबसपुर. गांवों की दशा सुधारने के लिए शासन लाखों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन दशा है कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रही। इसकी बानगी ग्राम डबराभाट में देखने को मिल रही है। गांव की गलियां सूखे के दिनों में भी कीचड़ और गंदे पानी से भरा है, जिसके चलते स्थानीय बासिंदों का घर से निकलना दुश्वार हो चुका है। सफाई को लेकर सरपंच और सचिव लगातार लापरवाही बरत रहे हैं।
ग्राम पंचायत डबराभाट सरपंच और सचिव की लापरवाही के कारण पिछड़ते जा रहे हैं। गांव में गंदे पानी के निकास के लिए कोई सुचारू व्यवस्था नहीं बनी है। निकासी के अभाव में घरों से निकलने वाला गंदा पानी गली पर आकर जमा हो जाती है। मौजूदा समय में यह कीचड़ का रूप ले लिया है, जो ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब बन चुकी है। कीचड़ से सराबोर गलियों से तेज दुर्गंध उठ रही है। यहां महीनों से पानी जमा हुआ है, जिसकी वजह से लोगों ने आवागमन का रास्ता तक बदल दिया है। बीच रास्ते से आते-जाते लोग पंचायत की कार्यप्रणाली को कोसने लगे हैं। यह दुर्दशा केवल एक गली की नहीं बल्कि गांव की हर गली का बुरा हाल है। इस रास्ते से ट्रैक्टर गुजरती है, तो स्थिति और भी भयावह हो जाती है।
बिगड़ रही स्थिति
गांव में व्याप्त समस्याओं को लेकर ग्रामीणों द्वारा कई बार शिकायत की जा चुकी है। शिकायत पर सरपंच और सचिव कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिसके चलते स्थिति भयावह होती जा रही है। गलियों में जाम कीचड़ के कारण अब मच्छर व अन्य कीड़े-मकोड़े भी पनपने लगे हैं। आसपास रहवासियों की जिंदगी नरक से बद्तर हो चुकी है। यदि स्थिति में जल्द ही सुधार नहीं हुआ, तो बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाएगी।
गिरकर चोटिल हो रहे
गांव की गलियां गंदे पानी और कीचड़ से सराबोर हो चुकी है। मौजूदा समय में इसने कीचड़ का रूप ले लिया है, जिसके चलते आए दिन बच्चे गिरते रहते हैं। गलियों में कीचड़ के कारण बच्चों के खेलने की आजादी छीन गई है। एक बार घर के अंदर घुस गए, तो वहीं कैद होकर रह जाते हैं। बाहर खेलने भी नहीं जा सकते हैं। यदि निकल भी गए, तो कीचड़ में फिसलकर गिर जाते हैं और उन्हें चोंट भी लग जाती है।
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