जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रवि चंद्रवंशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि वन विभाग के अधिकारियों ने पहले तो 1 करोड़ 19 लाख 90 हजार 600 रुपए जुर्माना भुगातन के लिए लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता को पत्र लिखा, लेकिन बाद में यह राशि 20 लाख रुपए में पहुंच गई। कुछ दिनों के भीतर ही 20 लाख रुपए वन विभाग के सरकारी खाते में जमा कर दिया जाता है। जबकि उक्त प्रकरण में पूरे 119.90 लाख रुपए जमा कराया जाता। वन विभाग के डीएफओ और पीडब्ल्यूडी के ईई की मिलीभगत से इसमें खेल कर दिया गया।
वनमंडलाधिकारी की सफाई
मामले को लेकर वनमंडलाधिकारी दिलराज प्रभाकर ने कहा कि जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वह निराधार है। फॉरेस्ट कन्जरवेशन एक्ट 1980 के तहत इस रोड के निर्माण के लिए मिनिस्टरी ऑफ फारेस्ट एंड इनवायरमेंट से विधिवत आवेदक संस्थान को अनुमति प्राप्त है। शुरूवात में जांच टीम ने 59 लाख का फाइन बनाया गया था, जिसके अनुसार दोगुना जुर्माना लगाया गया। काम शुरू करने से पहले वनमंडलाधिकारी को सूचना नहीं दिया गया था। इसके लिए संबंधित संस्थान को जुर्माना पटाने के लिए नोटिस जारी किया गया था, जिसे चालान के माध्यम से सरकारी खाते में जमा कर दिया गया है।