जिले में कुल छह स्टेशन बनाए जाएंगे। पंडरिया तहसील के कंवलपुर, सोमनापुर, कवर्धा तहसील बरदुली और सहसपुर लोहारा तहसील के धनेली(छांटा झा) और धनगांव में सबस्टेशन प्रस्तावित है, जबकि मुख्य स्टेशन कवर्धा (नवागांव तिवारी)होगा। स्टेशन की दूरी ७ से १३ किमी तक है। वहीं डोंगरगढ़ से कटघोरा कॉरीडोर के बीच कवर्धा में मेकेनिकल डिपो प्रस्तावित है। यहां पर कोचिंग स्टॉक, वाशिंग लाइन आदि के लिए पर्याप्त जगह होगी। इसेस लोगों को लाभ होगा।
जिले में रेललाइन बिछाने के लिए कुल ८७८ एकड़ रकबा भूमि की आवश्यकता है। ग्रामीणों की भूमि अधिग्रहण शुरू हो चुकी है। कुल १९१४ कृषक व ग्रामीणों की भूमि सर्वे में आई है। इसमें पंडरिया तहसील के ३०५ किसान, कवर्धा तहसील अंतर्गत ९११ और सहसपुर लोहारा तहसल के ५९५ कृषकों की भूमि है। भू-अर्जन का कार्य प्रगति पर है।
जिले से रेललाइन के गुजरने से सैकड़ों युवाओं और लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। स्टेशन और उसके आसपास बड़ी संख्या में दुकानें लगाई जाएगी। रिक्शा, ठेला, ऑटो भी चलाएंगे। वहीं ट्रेन में भी बड़ी संख्या में बेरोजगार सामग्री बेचकर स्वरोजगार प्राप्त करेंगे। वहीं रेल संचालन व पटरी पर कार्य के लिए बड़ी संख्या में विभिन्न पदों पर भर्ती निकाली जाएगी। यहां से जिले के युवाओं को भी मौका मिलेगा।
डोंगरगढ़ से कटघोरा तक कुल 294.282 किमी रेललाइन होगी। इसके लिए केंद्र व राज्य शासन 5950.47 करोड़ रुपए खर्च करेगी। रेललाइन 25 किलोवॉट एसी सिस्टम से विद्युतीकृत होगी। इस पूरी परियोजना में 1762 हेक्टेयर यानी 4352 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। कुल 25 स्टेशन होंगे। वहीं कुल 97 मोड़ होंगे। इस कॉरीडोर में 145 रेलवे अंडरब्रीज और 45 ओवरब्रीज का निर्माण होगा।