scriptपंचायतों में ग्रामीण विकास के सपने अधूरे, मूलभूत सुविधा नहीं | Rural development dreams incomplete, not basic amenities in panchayats | Patrika News
कवर्धा

पंचायतों में ग्रामीण विकास के सपने अधूरे, मूलभूत सुविधा नहीं

गांव में अब तक न गौरव पथ का निर्माण हुआ है और न सीसी रोड़। ऐसे में ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बरसात में मुश्किले और भी बढ़ जाती है। वहीं ग्राम पंचायत क्षेत्र में शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधा का बुरा हाल है।

कवर्धाMar 09, 2019 / 11:26 am

Panch Chandravanshi

No basic feature

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कवर्धा. जब चुनाव सामने होता है, तो राजनीतिक दल के प्रत्याशी लोक लुभावने वादे तो करते हैं, लेकिन जीत के बाद ही जनता के बीच किए वादों को भुला देते हैं, लेकिन लोग अब अपने गांव के विकास के लिए जगरुक हो रहे हैं और जनप्रतिनिधियों से जवाब तलब कर रहे हैं। ग्राम भटरुसे के ग्रामीणों ने विधायक से मुलाकात कर लगातार उपेक्षा का कारण पूछा और गांव के विकास की बाते रखी।
पंडरिया ब्लाक के अंतिम छोर पर बने ग्राम पंचायत सोमनापुर के आश्रित ग्राम भटरुसे की जनसंख्या 700 से अधिक है, लेकिन ग्रामाीण मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं। सीमावर्ती पंचायत होने के कारण आजादी के 70 वर्ष बाद भी यहां निवासरत लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। गांव में अब तक न गौरव पथ का निर्माण हुआ है और न सीसी रोड़। ऐसे में ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बरसात में मुश्किले और भी बढ़ जाती है। वहीं ग्राम पंचायत क्षेत्र में शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधा का बुरा हाल है। ऐसे में लोगों के जहन में एक ही सवाल उठ रही है कि क्या इसी दिन के लिए ग्रामीण अपने जनप्रतिनिधि चुनते हैं। लगातार मांग के बाद भी जब लोगों की समस्याओं को अनदेखी की जाती है, तो ग्रामीण क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक ममता चंद्राकर से गांव से मुलाकात कर गांव में विकास कार्य कराने की मांग रखी। ताकि लोगों को सुविधा मिल सके। अब देखना यह होगा कि विधायक इस दिशा में कोई पहल कर पाते हैं या नहीं।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगे
ग्रामीण विकास के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन इसका लाभ ग्राम भटरुसे के ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। यहां तक शासन के कई महत्वपूर्ण योजना भी लोगों तक नहीं पहुंच पाई है। प्रधानमंत्री आवास योजना इनमें से एक है। इतने बड़े गांव में गिने चुने पांच से सात लोगों को ही पीएम आवास का लाभ मिला है। इससे नाराज ग्रामीणों विधायक से मिले और गांव में गौरव पथ निर्माण, सीसी रोड़, निस्तारी के लिए नदी में पचरी निर्माण, जय स्तंभ चौक का समतलीकरण, मंच निर्माण व बाऊंड्रीवाल करने की मांग की है।
सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं
ग्राम भटरुसे पंडरिया विकासखंड के वनांचल नहीं, बल्कि मैदानी क्षेत्र के अंतिम सीमा पर स्थित है। जहां सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। ग्रामीणों ने इस संबंध में कई बार प्रशासन को अवगत करवाया, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। पंचायत अंतर्गत जो कार्य होनी चाहिए वह नहीं हो रहा है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण उच्चाधिकारी वह जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिला प्रशासन तो कभी इस पंचायत की समस्याओं को जानने का प्रयास ही नहीं किया है। को देखी भी नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि कोई भी विधायक या अधिकारी इस गांवों के मुख्य द्वार तक नहीं पहुंचे हैं।
लोक सुराज का लाभ नहीं
सुराज अभियान में जिले के उच्च अधिकारी जिस गांव व क्षेत्र के दौरे पर रहते हैं। वहां की छोटी मोटी समस्या का समाधान होता है। लेकिन यहां भी ग्रामीणों को उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। सुराज अभियान में भी ग्रामीणों ने गांव के मूलभूत की विकास के लिए आवेदन तो किए, लेकिन एक भी कार्य नहीं हो पाया। इसके कारण ग्रामीण समस्याओं से जुझने को मजबूर है। आज भी इस पचायतों की ओर देखा जाए, तो शिक्षा और चिकित्सा सहित बैंक सुविधा का अभाव है।
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