ग्रामीण विकास के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन इसका लाभ ग्राम भटरुसे के ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। यहां तक शासन के कई महत्वपूर्ण योजना भी लोगों तक नहीं पहुंच पाई है। प्रधानमंत्री आवास योजना इनमें से एक है। इतने बड़े गांव में गिने चुने पांच से सात लोगों को ही पीएम आवास का लाभ मिला है। इससे नाराज ग्रामीणों विधायक से मिले और गांव में गौरव पथ निर्माण, सीसी रोड़, निस्तारी के लिए नदी में पचरी निर्माण, जय स्तंभ चौक का समतलीकरण, मंच निर्माण व बाऊंड्रीवाल करने की मांग की है।
ग्राम भटरुसे पंडरिया विकासखंड के वनांचल नहीं, बल्कि मैदानी क्षेत्र के अंतिम सीमा पर स्थित है। जहां सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। ग्रामीणों ने इस संबंध में कई बार प्रशासन को अवगत करवाया, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। पंचायत अंतर्गत जो कार्य होनी चाहिए वह नहीं हो रहा है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण उच्चाधिकारी वह जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिला प्रशासन तो कभी इस पंचायत की समस्याओं को जानने का प्रयास ही नहीं किया है। को देखी भी नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि कोई भी विधायक या अधिकारी इस गांवों के मुख्य द्वार तक नहीं पहुंचे हैं।
सुराज अभियान में जिले के उच्च अधिकारी जिस गांव व क्षेत्र के दौरे पर रहते हैं। वहां की छोटी मोटी समस्या का समाधान होता है। लेकिन यहां भी ग्रामीणों को उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। सुराज अभियान में भी ग्रामीणों ने गांव के मूलभूत की विकास के लिए आवेदन तो किए, लेकिन एक भी कार्य नहीं हो पाया। इसके कारण ग्रामीण समस्याओं से जुझने को मजबूर है। आज भी इस पचायतों की ओर देखा जाए, तो शिक्षा और चिकित्सा सहित बैंक सुविधा का अभाव है।