स्कूल में किसी तरह की घटना-दुर्घटना होने पर चिकित्सा सेवा मतलब फस्ट एड बॉक्स रखना अनिवार्य है। स्कूल में चिकित्सा सेवा के लिए शासन द्वारा राशि भी दी जाती है। छात्र-छात्राओं को खेलकूद के दौरान होने वाली छोटी-मोटी चोट या खरोच होने तुरंत फस्ट एट बॉक्स में मौजूद सामग्रियों से उन्हें राहत दी जा सकती है। लेकिन जिले के 60 फीसदी शासकीय स्कूल में यह सामग्री मौजूद ही नहीं है। ऐसे में कोई विद्यार्थी चोटिल हो जाता है तो उन्हें स्कूल से न रुई मिलती है और न ही एंटी सेप्टिक दवाई। रुमाल या फिर किसी अन्य कपड़े के सहारे ही विद्यार्थियों को खुद की देखभाल करनी पड़ रही है।