समस्याओं के बीच तो खरीदी होती है। न तो धान रखने चबूतरा है और न ही जगह पर्याप्त है, इसके बाद भी जैसे तैसे खरीदी करते हैं, लेकिन उठाव में भी लापरवाही बरती जाती है। इसके कारण उठाव अब भी नहीं हुआ है। जिले के 80 उपार्जन केंद्रों में खरीदी के एक सप्ताह बाद भी धान जाम है।
संग्रहण केंद्रों में 11 लाख क्विंटल धान जमा किया गया है। इसी प्रकार 13 लाख 33 हजार क्विटल धान का उठाव मिलर्स व अन्य जिले के लिए जारी किया गया। कुल खरीदी का 88 फीसदी उठाव अब तक हुआ है। इसके बाद भी तीन लाख क्विंटल से अधिक धान उपार्जन केंद्रों में जाम पड़ा हुआ है।