अमलीडीह स्कूल भवन जर्जर तो है, जैसे तैसे शिक्षक छात्रों की पढ़ाई का काम चल रहा है। स्कूल भवन के साथ साथ रसोई घर भी इससे अछुते नहीं है। इसका जर्जरता का हाल इस बात से लगाया जा सकता है। छात्रों के लिए संचालित मिड डे मील का खाना रसोईया अपने घर से बना कर लाते हैं। ऐसे में छात्रों को गरमा गरम खाना नसीब नहीं हो पा रहा है। इससे सुविधा नहीं मिल पा रही है।
प्राथमिक शाला भवन के चारों ओर सुरक्षा के लिए आहता निर्माण की दरकार है, जिससे अध्ययनरत छात्रों को पढ़ाई के साथ खेल गतिविधियों का अभ्यास कर सके। दरअसल कई लोग कोठार-ब्यारा के लिए आसपास की राजस्व भूमि पर अस्थाई घेराबंदी कर रहे हैं। स्कूल के दीवार पर कुंडी मार मवेशी बांध रहे हैं।
पिछले साल ही बंदौरा व चचेड़ी प्राथमिक भवन का प्लाटर व सिलिंग शाला समय पर भरभरा कर गिर चुका है। हालांकि किसी छात्र को हताहत नहीं हुई थी, लेकिन इस तरह की पुराने जर्जर भवन में संचालित स्कूल भवन कब आफत बन जाए। कोई कहा नहीं जा सकता है।