scriptजर्जर प्राथमिक भवन में अमलीडीह के छात्र-छात्राएं गढ़ रहे अपना भविष्य | Students of Amaliidih, their future fortified in Shabar Primary Buildi | Patrika News
कवर्धा

जर्जर प्राथमिक भवन में अमलीडीह के छात्र-छात्राएं गढ़ रहे अपना भविष्य

जिस शिक्षा के मंदिर में छात्र अपना नींव गढ़ रहे वो ही जर्जर स्थिति में है। ऐसे में छात्रों पर कभी भी अनहोनी घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। यह बात हम नहीं बल्कि जर्जर भवन की दीवार व सिलिंग खुद बयां करती नजर आ रही है।

कवर्धाFeb 10, 2019 / 11:17 am

Panch Chandravanshi

Shabby primary building

Shabby primary building

इंदौरी. ग्रामीण अंचल के छात्रों को स्थानीय स्तर पर अच्छी तालीम मिल सके। इस उद्देश्य से गांव-गांव में प्राथमिक स्कूल संचालित है, जिसमें छात्रों सहज प्रणाली से शिक्षा भी दी जा रही है, जिससे छात्र भी रुचि लेकर आसानी से अक्षर ज्ञान सिख रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन जिस शिक्षा के मंदिर में छात्र अपना नींव गढ़ रहे वो ही जर्जर स्थिति में है। ऐसे में छात्रों पर कभी भी अनहोनी घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। यह बात हम नहीं बल्कि जर्जर भवन की दीवार व सिलिंग खुद बयां करती नजर आ रही है। इसका एक नमूना अमलीडीह प्राथमिक शाला है।
सहसपुर लोहारा विकास खंड के ग्राम पंचायत बंधी के आश्रित ग्राम अमलीडीह की बसाहट है। ग्राम की निवासरत बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा के लिए शासन द्वारा दो शिक्षक के दारोमदार से स्थानीय स्तर पर प्राथमिक शाला संचालित भी है, जिस भवन में शाला संचालित है वह बहुत पुराना हो चुका है। दीवार व सिलिंग पर मोटी दरारें भी झांकने लगी है। यही हाल अध्ययनरत कक्षा की है, जिसके नीचे महज 24 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं। शायद यही कारण पालक अपने बच्चों को इस स्कूल में भेज नहीं रहे हैं, तभी तो दर्ज संख्या 24 ही है। ऐसा भी नहीं है कि इस जर्जर स्कूल भवन का रिपेयर न हो। पंचायत प्रतिनिधि द्वारा समय समय पर छबाई व रंग रोगन का काम करा कर भवन संवारने की कोशिश की जा रहा है। साथ ही नए भवन की मांग को लेकर संबंधित विभाग से कई बार फरियाद कर चुके हैं।
रसोईया घर से लाते हैं खाना
अमलीडीह स्कूल भवन जर्जर तो है, जैसे तैसे शिक्षक छात्रों की पढ़ाई का काम चल रहा है। स्कूल भवन के साथ साथ रसोई घर भी इससे अछुते नहीं है। इसका जर्जरता का हाल इस बात से लगाया जा सकता है। छात्रों के लिए संचालित मिड डे मील का खाना रसोईया अपने घर से बना कर लाते हैं। ऐसे में छात्रों को गरमा गरम खाना नसीब नहीं हो पा रहा है। इससे सुविधा नहीं मिल पा रही है।
आहता निर्माण की दरकार
प्राथमिक शाला भवन के चारों ओर सुरक्षा के लिए आहता निर्माण की दरकार है, जिससे अध्ययनरत छात्रों को पढ़ाई के साथ खेल गतिविधियों का अभ्यास कर सके। दरअसल कई लोग कोठार-ब्यारा के लिए आसपास की राजस्व भूमि पर अस्थाई घेराबंदी कर रहे हैं। स्कूल के दीवार पर कुंडी मार मवेशी बांध रहे हैं।
हो चूके हादसे
पिछले साल ही बंदौरा व चचेड़ी प्राथमिक भवन का प्लाटर व सिलिंग शाला समय पर भरभरा कर गिर चुका है। हालांकि किसी छात्र को हताहत नहीं हुई थी, लेकिन इस तरह की पुराने जर्जर भवन में संचालित स्कूल भवन कब आफत बन जाए। कोई कहा नहीं जा सकता है।

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