scriptठेलों में बिक रहा मीठा जहर, नहीं होती जांच कार्रवाई | Sweet poison, sold in stairs, does not investigate action | Patrika News
कवर्धा

ठेलों में बिक रहा मीठा जहर, नहीं होती जांच कार्रवाई

ठेलों में बर्फ के गोले, कुल्फी, चुस्की, शर्बत, बादाम शेक, सोडा जैसे पेय पदार्थ के नाम पर लोगों को बीमारियां परोसी जा रही है। अधिकांश दुकानों में तो शीतल पेय के नाम पर दूषित पानी पिलाया जा रहा है, जो लोगों की सेहत बिगाड़ रहे हैं।

कवर्धाApr 08, 2019 / 11:25 am

Panch Chandravanshi

Does not investigate action

Does not investigate action

कवर्धा. नगर सहित ग्रामीण इलाकों में इन दिनों धड़ल्ले से मीठी जहर बेची जा रही है। ठेलों में बर्फ के गोले, कुल्फी, चुस्की, शर्बत, बादाम शेक, सोडा जैसे पेय पदार्थ के नाम पर लोगों को बीमारियां परोसी जा रही है। अधिकांश दुकानों में तो शीतल पेय के नाम पर दूषित पानी पिलाया जा रहा है, जो लोगों की सेहत बिगाड़ रहे हैं। बावजूद खाद्य विभाग जांच नहीं कर रही।
गर्मी से राहत पाने और गला तर करने के लिए शीलत पेय का सहारा ले रहे हैं। लोग बिना जांचे-परखे घटिया पेय पदार्थ का सेवन कर बीमारियों को न्यौता दे रहे हैं,। रंगी शीतल पेय ज्यादा खतरनाक माने जाते हैं। फूड की जगह कपड़े को रंगने वाला आम कलर का उपयोग करते हैं। आजकल कुल्फी, चुस्की, शर्बत या फिर बर्फ के गोले बेचने वाला कमाई के फेर में दुकानदार क्वालिटी का ख्याल नहीं रखते हैं। कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने की होड़ में आजकल सोया दूध, सैकरीन, नान फूड कल जैसी सामग्री की मिलावट करते हैं। ऐसे सामाग्री से बनी चीजें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हंै। लोगो को एलर्जी करते है। शरीर के टिशु डैमेज और कैंसर जैसी बीमारियों की आशंका बनी रहती है। अधिक समय तक इन शीतल पेयों को रखने से उनमें बैक्टीरियां भी पनपने लगते हैं। बावजूद इसके दुकानदार इन्हें पांच से ३० रुपए में बेच रहे हैं।
सैकरीन का इस्तेमाल
शक्कर की जगह कई दुकानदार सैकरीन या अन्य घटिया सामग्रिेयों का इस्तेमाल करते हैं। बादाम, मैंगो शेक को गाढ़ा करने के लिए ऐसी चीजों का उपयोग करते हैं। सैकरी का उपयोग दुकानदारों द्वारा केवल ज्यादा कमाई के लिए ही किया जाता है। जरा सा सैकरी एक किलो शक्कर के बराबर काम करता है, जिसे उपयोग कर अपना पैसा बचाकर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। नगर के कई दुकानों में सैकरीन का खुलेआम कारोबार हो रहा है। खाद्य विभाग और औषधि प्रशासन द्वारा कोई दबिश या कार्रवाई नहीं की जाती है। यही वजह है कि मीठा जहर बेचने वाले के हौसले बुलंद हो गए हैं। खाद्य अधिकारियों द्वारा कभी भी किसी ठेला या दुकान में जाकर सैंपल लेने का भी प्रयास नहीं हुआ।

Home / Kawardha / ठेलों में बिक रहा मीठा जहर, नहीं होती जांच कार्रवाई

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो