शक्कर की जगह कई दुकानदार सैकरीन या अन्य घटिया सामग्रिेयों का इस्तेमाल करते हैं। बादाम, मैंगो शेक को गाढ़ा करने के लिए ऐसी चीजों का उपयोग करते हैं। सैकरी का उपयोग दुकानदारों द्वारा केवल ज्यादा कमाई के लिए ही किया जाता है। जरा सा सैकरी एक किलो शक्कर के बराबर काम करता है, जिसे उपयोग कर अपना पैसा बचाकर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। नगर के कई दुकानों में सैकरीन का खुलेआम कारोबार हो रहा है। खाद्य विभाग और औषधि प्रशासन द्वारा कोई दबिश या कार्रवाई नहीं की जाती है। यही वजह है कि मीठा जहर बेचने वाले के हौसले बुलंद हो गए हैं। खाद्य अधिकारियों द्वारा कभी भी किसी ठेला या दुकान में जाकर सैंपल लेने का भी प्रयास नहीं हुआ।