scriptसॅाफ्टवेयर में ऐसी दिक्कत कि पांच घंटे की ट्रेनिंग में कुछ भी नहीं सीख पाए | The difficulty in software that can not learn anything | Patrika News
कवर्धा

सॅाफ्टवेयर में ऐसी दिक्कत कि पांच घंटे की ट्रेनिंग में कुछ भी नहीं सीख पाए

किसानों के बी-वन, नक्शा, खसरा सहित अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए जिला कार्यालय में पटवारियों की ट्रेनिंग रखी गई। लेकिन इस ट्रेनिंग में भी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा सका। छह घंटे की ट्रेनिंग में एक नामांतरण प्रकरण का उचित समाधान करके नहीं दिखाया जा सका।

कवर्धाMay 14, 2019 / 01:47 pm

Satya Narayan Shukla

patrika

सॅाफ्टवेयर में ऐसी दिक्कत कि पांच घंटे की ट्रेनिंग में कुछ भी नहीं सीख पाए

कवर्धा@Patrika. किसानों के बी-वन, नक्शा, खसरा सहित अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए जिला कार्यालय में पटवारियों की ट्रेनिंग रखी गई। लेकिन इस ट्रेनिंग में भी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा सका। छह घंटे की ट्रेनिंग में एक नामांतरण प्रकरण का उचित समाधान करके नहीं दिखाया जा सका।
पटवारियों को ट्रेनिंग देने सोमवार को कलेक्ट्रेट में कार्यशाला आयोजित
तहसील कार्यालय अंतर्गत भुइंया सॉफ्टवेयर के नए अपडेट वर्जन में हो रही तकलीफ के चलते समस्त पटवारियों ने अपने डिजीटल सिग्नेचर शासन को लौटा दिए। इसके बाद मानो किसानों की समस्या ही बढ़ ही गई। इसके चलते कवर्धा और सहसपुर लोहारा तहसील के पटवारियों को ट्रेनिंग देने सोमवार को कलेक्ट्रेट में कार्यशाला आयोजित की। इसमें करीब ५० से अधिक पटवारी और दो ऑपरेटर ट्रेनर के रूप में मौजूद रहे। यहां पर भुइंया सॉफ्टवेयर में हो रही परेशानियों को दूर करके दिखाना था, लेकिन ट्रेनर भी उन समस्याओं को दूर नहीं कर सके। सुबह ११ से ५.३० बजे तक चले कार्यशाला में सही ढंग से एक नामांतरण करके नहीं दिखाया जा सका। जितने भी ऑप्शन बताते गए सभी में कोई न कोई गलती निकलती गई। इसके बाद ट्रेनर भी समस्याओं को नोट किए और रायपुर से सुधारकर फिर से ट्रेनिंग देने की बात कही।
कलेक्टोरेट का नेट बंद रहा

कलेक्ट्रेट में कार्यशाला तो आयोजित हुई, लेकिन करीब दो घंटे तक यहां नेट ही बंद रहा। इसके चलते ट्रेनिंग प्रभावित रहा। छह घंटे की ट्रेनिंग में करीब चार मेनू ही बता सके। इसके बाद समय हो गया तो प्रशिक्षण बंद किया गया। इसके चलते पटवारियों को पूरी ट्रेनिंग ही नहीं दे सके। अब ट्रेनिंग १५ के बाद देने की बात कही जा रही है।
patrika
नहीं मिला संतोषप्रद जवाब
पटवारी संघ की ओर से बताया गया कि ट्रेनिंग के दौरान पटवारियों ने सवाल किए तो टे्रनर कोई संतोषप्रद जवाब ही नहीं दे सके। कार्यशाला में प्रशिक्षण देे रहे सॉफ्टवेयर डेमो के रूप में था, जबकि पटवारी आईडी में काफी अंतर है। ट्रेनिंग के दौरान कई ऑप्शन पटवारी के आईडी में दिखाई ही नहीं दे रहे थे। इस पर ट्रेनर द्वारा बताया गया उनके आईडी में यह बाद में जोड़ा जाएगा। नए अपडेट वर्जन में पारदर्शिता दिखाई दे रही है, लेकिन इसे काफी जटिल बना दिया गया। जैसे किसानों का पंजीयन बिना मोबाइल नंबर के नहीं हो सकता। खरीफ फसल के साथ रबी फसल की भी जानकारी देनी अनिवार्य है। यह उन किसानों के परेशानी वाली है जो रबी फसल लेते ही नहीं। इस तरह से कई प्रकार के जटिलता मौजूद है।
खसरो के दुरूपयोग को रोकने का प्रयास
भू-अभिलेख के प्रभारी अधिकारी व डिप्टी कलक्टर अनिल सिदार ने कलेक्टोरेट से जारी सूचना में बताया कि जिन छोटी-छोटी त्रुटियों को सुधार पाने में असमर्थता कहकर विरोध किया जा रहा है, वह छोटी त्रुटि नहीं है क्योंकि किसान के नाम में परिवर्तन से किसान को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अब नाम परिर्वतन तहसीलदार की अनुमति के बाद ऑनलाइन किया जा सकेगा, जो कि भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के अनुरूप ही है। इस प्रक्रिया से पारदर्शिता बढ़ेगी और यह खसरो के दुरूपयोग को रोकने का राज्य सरकार का एक प्रयास है।
समाधान के लिए लगातार हो रही ट्रेनिंग

समस्या के समाधान के लिए एक और दो मई को अधीक्षक व सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख की कार्यशाला हुई। इसके बाद छह मई को डाटा एन्ट्री ऑपरेटर, सात मई को नायब तहसीदारों को रायपुर में भुइंया सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग प्रदान की जा चुकी है। सभी तहसीलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आने वाले एक सप्ताह में नायब तहसीलदारों के माध्यम से पटवारियों को भुइंया सॉफ्टवेयर संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और पटवारियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा ताकि वे सॉफ्टवेयर की तकनीकी समस्याओं को समझ सकें।

Home / Kawardha / सॅाफ्टवेयर में ऐसी दिक्कत कि पांच घंटे की ट्रेनिंग में कुछ भी नहीं सीख पाए

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो