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कवर्धा

नहर विस्तार नहीं, तब तक पानी के लिए नहीं खुलेगा गेट

जी हां, किसानों का जल सत्याग्रह दूसरे दिन भी जारी रहा। इसके साथ ही किसानों ने चेतावनी देते हुए सख्त कदम उठाया कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक सुतियापाट जलाशय के गेट बंद रहेंगे, पानी सप्लाई नहीं होगी। गेट खुला तो किसान और प्रशासन के बीच टकराव होगा।

कवर्धाMay 30, 2022 / 12:43 pm

Yashwant Jhariya

नहर विस्तार नहीं, तब तक पानी के लिए नहीं खुलेगा गेट

नहर विस्तार नहीं, तब तक पानी के लिए नहीं खुलेगा गेट


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अन्य जिले को सिंचाई के लिए पानी देना और उसी जिले के किसानों को वंचित रखा जाना, जहां पर जलाशय है। इसके चलते जिले के किसान मुख्य रूप से सहसपुर लोहारा ब्लॉक के हजारों किसान जल सत्याग्रह की शुरुआत की। शनिवार को जल सत्याग्रह में महिलाओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। आंदोलन रविवार को जारी रहा। किसान रातभार जलाशय के आसपास ही रात गुजारे। सत्याग्रह के दूसरे दिन दोपहर को जिला प्रशासन की टीम अपर कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अभियंता जल संसाधन, नायब तहसीलदार प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। यहां पर किसानों ने अपनी बात रखी और ज्ञापन सौंपा। इसके साथ सत्याग्रह स्थगित किया गया, लेकिन चेतावनी के साथ कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती जलाशय से किसी को पानी नहीं मिलेगा। मतलब पानी सप्लाई का गेट बंद रहेगा। भारतीय किसान संघ से पदाधिकारियों ने कहा कि यदि गेट को किसी नेता या अधिकारी के दबाव में खोला जाता है तो किसान उसे बंद करेगा और इस तरह से टकराव बनेगा जिसकी जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की रहेगी।
26 गांव पानी से वंचित
सुतियापाट जलाशय में पानी का उपयोग यहीं किसान नहीं पा रहे हैं। निर्धारित रुप से तो आसपास के २६ गांव तक सिंचाई के लिए पानी दिया जाना चाहिए, लेकिन यहां नहीं दिया जाता। जबकि बेमेतरा व साजा तक पानी पहुंच रहा है। नहर विस्तार को लेकर पूर्व में 16 करोड़ रुपए की स्वीकृति हुई, लेकिन विभाग इस राशि को दबाए बैठे रही। काम नहीं किया। इसके बाद नया प्राक्कलन तैयार कर 46 करोड़ रुपए की स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को भेजा, जिसकी स्वीकृति नहीं मिली है।
लगातार आंदोलन के बाद भी
सुतियापाट जलाशय के बाये तट नहर जिसमें लोहारा ब्लॉक के 26 गांव के किसानों को पानी दिया जाना प्रस्तावित है, जो प्रशासकीय स्वीकृति के अभाव में लंबित पड़ा हुआ है। नहर नाली के विस्तार के लिए किसानों द्वारा विभिन्न आंदोलन के माध्यम से किसान अपनी मांग को शासन के समक्ष रखते आ रहे हैं। बावजूद इनकी मांग पूरी नहीं हो पाना गंभीर स्थिति को निर्मित कर रहे हैं।
जल रोको आंदोलन
भारतीय किसान संघ द्वारा प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन ने कहा गया कि विगत दो दिवस 28 मई से जल सत्याग्रह चल रहा है। किसानों ने यह निर्णय लिया है कि यदि शासन के इस संबंध में ठोस निर्णय लेकर नाली निर्माण कार्य को प्रारंभ नहीं करवाती है तो आने वाले खरीफ सीजन में बांध के पानी को कही भी जाने नहीं दिया जाएगा। इस पर जल रोको आंदोलन किसानों द्वारा चलाया जाएगा।
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