रक्षाबंधन से एक दिन पहले रात में उतारा मौत के घाट
मिली जानकारी के अनुसार कवर्धा जिले के झलमला थाना के ग्राम बोल्दा निवासी हेमप्रसाद की नक्सलियों ने अगवा कर उसे जंगल में गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। बताया जा रहा है कि शनिवार रात 11 बजे के आसपास एक दर्जन से ज्यादा हथियार बंद नक्सली गांव में घुसे आए। यहां हेमप्रसाद और एक ग्रामीण को गांव से बाहर 2 किलोमीटर दूर जंगल में बुलाया। इसके बाद पुलिस मुखबिर करने का आरोप लगाकर गोली मारकर निर्मम हत्या कर दिया। बताया जा रहा है कि हेमलाल मौत से पहले रक्षाबंधन त्यौहार मनाने घर जाने की मिन्नतें करता रहा लेकिन नक्सलियों ने उसकी एक नहीं सुनी और गोलियों से भून डाला।
पुलिस ने शुरू की सर्चिंग अभियान
पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेंद सिंह ने खबर की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण की हत्या मुखबिरी के शक में की है। दूसरे दिन रविवार को जैसे ही पुलिस को इसकी जानकारी मिली तुरंत झलमला के एसटीएफ, चिल्फी और कवर्धा थाने डीआरजी और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने शव का बारीकी से मुआयना किया और मर्ग कायम किया। इस घटना के बाद पुलिस ने गांव के चारों ओर थाना अंतर्गत और पहाड़ी क्षेत्रों में सर्चिंग शुरू कर दी है।
बीते सप्ताह में नक्सलियों ने एक ग्रामीण की थी हत्या
इससे पहले नक्सलियों ने पड़ोसी जिला राजनांदगांव में दो ग्रामीणों का अगवा जंगल में मौत के घाट उतार दिया। राजनांदगांव पुलिस ने बताया कि ग्राम ढब्बा का रहने वाला 70 साल का चैतुराम तुलावी रविवार रात अपने घर में आराम कर रहा था। करीब साढ़े 8 बजे रात को 10 से 12 की संख्या में नक्सली चैतुराम के घर पहुंचे और उसे उठाकर गांव के बाहर अपने साथ खेत में ले गए। चैतुराम ने नक्सलियों से उसे छोडऩे के लिए काफी मिन्नतें की, लेकिन नक्सलियों ने उसकी एक भी न सुनी। नक्सलियों ने चैतुराम पर पुलिस मुखबिर होने का आरोप लगाते हुए उसकी धारदार हथियार से हत्या कर दी।