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कवर्धा

आखिर सेमरिया के ग्रामीणों को कब मिलेगा हाट बाजार का लाभ

पिछले आठ साल से बाजार चबूतरा अधूरा पड़ा हुआ है। इस आधे अधूरे बाजार चबूतरा पर अब कुछ अपवाद ने कब्जा कर लिया है। बाजार को तबेला घर बना दिया है और यही अपनी मवेशी को बांध रहे हैं। हालात इतने बुरे हैं कि चबूतरे में गोबर के कंडे रोजाना सुखाए भी जा रहे हैं। बावजूद इस व्यवस्था को सुधार करने में पंचायत का रवैया उदासीन बना हुआ है।

कवर्धाJan 29, 2020 / 11:17 am

Panch Chandravanshi

आखिर सेमरिया के ग्रामीणों को कब मिलेगा हाट बाजार का लाभ

आखिर सेमरिया के ग्रामीणों को कब मिलेगा हाट बाजार का लाभ

इंदौरी. ग्राम पंचायत सेमरिया में बाजार चबूतरे का निर्माण कार्य आखिर कब पूरा होगा। पिछले आठ साल से बाजार चबूतरा अधूरा पड़ा हुआ है। इस आधे अधूरे बाजार चबूतरा पर अब कुछ अपवाद ने कब्जा कर लिया है। बाजार को तबेला घर बना दिया है और यही अपनी मवेशी को बांध रहे हैं। हालात इतने बुरे हैं कि चबूतरे में गोबर के कंडे रोजाना सुखाए भी जा रहे हैं। बावजूद इस व्यवस्था को सुधार करने में पंचायत का रवैया उदासीन बना हुआ है।
सहसपुर लोहारा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सेमरिया की बसाहट है। गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि पर आधारित है। गांव को व्यापारिक दृष्टिकोण से विकसित करने के मकसद से शासन ने बाजार चबूतरा शेड निर्माण के लिए वर्ष 2011-12 में मंजूरी दी थी। इसके लिए पंचायत को लगभग तीन लाख रुपए स्वीकृत हुई। स्वीकृति मिलते ही कार्य एजेंसी पंचायत ने काम तो चालू कराया, लेकिन निर्माण के दौरान अचानक बीच में रोक दिया, जो आज तक पूर्ण नहीं हो पाया। मौजूदा समय में केवल कालम ही खड़े हैं, लेकिन शेड का काम अभी भी अधूरा है। पिछले आठ साल से निर्माण कार्य बंद है। इसके बाद निर्माण कार्य को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इससे तत्कालिन पंचायत प्रतिनिधियों की सक्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। अधुरे पड़े इस बाजार चबूतरे पर आसपास के कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर लिए हैं और निर्माणाधीन बाजार को तबेला बनाकर अपनी मवेशी बांधी जा रहे हैं। इतना ही नहीं रोजाना गोबर के कंडे सुखाकर ढेरी भी लगाई जा रही है। बावजूद पंचायत पदाधिकारी इस व्यवस्था को दुरुस्त करने में उदासीन रवैया अपना रहे हैं। तभी तो इसका लाभ स्थानीय ग्रामीण सहित आसपास गांव के लोगों को अब तक लाभ नहीं मिल पा रहा है।
जर्जर हुआ बाजार चबूतरा
गांव में निर्माणाधीन बाजार चबूतरा पिछले आठ साल से अधूरा पड़ा है। अब तक जितना भी काम हुआ है वह भी घटिया दर्जे की है। यही कारण है कि बाजार चबूतरे में जगह-जगह दरारें आ चुकी है। कुछ कालम तो धराशाई भी हो गया है। बावजूद इसके पंचायत पदाधिकारियों को होश नहीं है। हालात इतने बुरे हैं कि इन आठ सालों में एक भी बार विभागीय अधिकारी ने निर्माण कार्य का निरीक्षण करना जरूरी नहीं समझा। यही कारण है कि निर्माण एजेंसी पंचायत गांव में बन रहे बाजार चबूतरे को आधा अधूरा बनाकर ही छोड़ दिया है, जो पिछले 7 सालों से आधा अधूरा ही पड़ा हुआ है।
अन्य गांव जाना मजबूरी
ग्राम सेमरिया में सप्ताहिक बाजार अब तक नहीं लग पाई है। बाजार नहीं लगने के कारण सेमरिया के लोगों को 3 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत गोछिया और झिरौनी स्थित सप्ताहिक बाजार जाना पड़ता है। इसके बावजूद पंचायत पदाधिकारियों को यह समस्या दिखाई नहीं दे रही है। यदि पंचायत प्रतिनिधियों ने अधुरा निर्माणाधीन बाजार शेड का काम पूरा हो जाता तो यहां भी सप्ताहिक बाजार लगता, जिससे गांव सहित आसपास गांव के लोगों को इसका लाभ मिलता। ग्रामीणों को बाजार करने के लिए दूसरे गांव जाना नहीं पड़ता। स्थानीय स्तर में बाजार का लाभ गांव में मिल पाता।
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