script11 साल का बालक और पीडब्ल्यूडी कॉलोनी की महिला संक्रमित | 11-year-old boy and woman of PWD colony infected | Patrika News
खंडवा

11 साल का बालक और पीडब्ल्यूडी कॉलोनी की महिला संक्रमित

-सोमवार को आई 87 सैंपल जांच रिपोर्ट में 2 पॉजिटिव, 85 निगेटिव-मीठाराम नगर निवासी कोरोना पॉजिटिव पिता-पुत्र इंदौर रेफर

खंडवाJun 29, 2020 / 10:28 pm

मनीष अरोड़ा

11 साल का बालक और पीडब्ल्यूडी कॉलोनी की महिला संक्रमित

-सोमवार को आई 87 सैंपल जांच रिपोर्ट में 2 पॉजिटिव, 85 निगेटिव-मीठाराम नगर निवासी कोरोना पॉजिटिव पिता-पुत्र इंदौर रेफर

खंडवा.
कोरोना सैंपल की जांच रिपोर्ट में सोमवार को दो नए मरीज फिर सामने आए हैं। इसमें भवानी माता रोड निवासी एक 11 वर्षीय बालक और पीडब्ल्यूडी कॉलोनी निवासी एक महिला शामिल है। वहीं, 85 सैंपल की जांच रिपोर्ट निगेटिव भी आई है। साथ ही कोविड अस्पताल खंडवा में भर्ती मीठाराम नगर निवासी कोरोना पॉजिटिव पिता-पुत्र इंदौर रेफर हुए है। सोमवार को दो नए पॉजिटिव आने से अब जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 312 हो गई है। जिसमें एक्टिव केस 32 बाकी बचे हुए है।
जिला महामारी अधिकारी डॉ. योगेश शर्मा ने बताया कि सोमवार को मेडिकल कॉलेज से 76 रिपोर्ट प्राप्त हुई है। जिसमें भवानी माता रोड कुंडलेश्वर वार्ड निवासी बालक पॉजिटिव पाया गया। ये पॉजिटिव मरीज पूर्व के मरीज की हाई रिस्क कांटेक्ट ट्रेसिंग से आया है। वहीं, जिला अस्पताल की ओपीडी में आई महिला के सैंपल की जांच ट्रू नाट मशीन से की गई थी। जिसमें महिला पॉजिटिव पाई गई। सोमवार को ट्रू नाट मशीन से कुल 11 सैंपल की जांच की गई है। जिसमें 10 निगेटिव पाई गई। अब जिले में कुल 312 पॉजिटिव मरीज है, जिसमें से 17 की मौत हो चुकी है और 263 ठीक होकर डिस्चार्ज हो गए है। 25 मरीज जिला अस्पताल के कोविड अस्पताल में और सात मरीज इंदौर में उपचाररत है। सोमवार को 129 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। जिन क्षेत्रों में नए मरीज मिले हैं, वहां कंटेंमेंट क्षेत्र बनाए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों को सील करने की कार्रवाई की जा चुकी है। साथ ही हाई रिस्क कांटेक्ट के सैंपल भी लिए गए।
फटे ग्लब्स से हो रही सैंपलिंग
जिला अस्पताल के फीवर क्लीनिक में आने वाले मरीजों के स्वास्थ्य की जांच के साथ ही संदिग्ध मरीजों के सैंपल भी लिए जा रहे है। यहां सैंपल बॉक्स में लगे ग्लब्स पूरी तरह से फट चुके है। कुपोषित बच्चों के लिए बने बाल शक्ति केंद्र परिसर में लगे इस बॉक्स के ग्लब्स फटने से सैंपल लेने वाले तकनीशियन सहित मरीज में भी संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। यहां कुषोषित बच्चे भर्ती होने के बाद भी फीवर क्लीनिक को बाहर मैदान में चलाया जा रहा है। जबकि अंदर ओपीडी में जगह होने से वहां भी संचालित किया जा सकता है।
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