भारतीय किसान संघ जिला संयोजक सुभाष पटेल ने बताया कि प्याज के कम भाव के चलते कई किसान आत्महत्या कर मौत को गले लगा चुके हैं। आज प्याज के भाव बढ़ रहे है तो नेता उसका विरोध करने पर उतर आए है। हकीकत ये है कि प्याज के भाव किसानों ने नहीं, व्यापारियों ने बढ़ाए है। किसान को आज भी कम ही दाम मिल रहा है। व्यापारी किसानों से कम भाव में प्याज लेकर बाहर की मंडियों में बेचकर 40 से 50 प्रतिशत मुनाफा कमा रहे है। जब प्याज सस्ती होती है तो कोई नेता किसान के पक्ष में बोलने नहीं आता है। आज जब प्याज महंगी हुई तो सारे नेता प्याज लेकर सड़कों पर घुम रहे है। कम उत्पादन के चलते किसान पहले ही नुकसान में है। अब नेता प्याज को मुद्दा बना रहे है। जो भी नेता प्याज की माला पहनकर विरोध करेगा भारतीय किसान संघ द्वारा उसका बहिष्कार किया जाएगा। इसे लेकर 10 दिसंबर मंगलवार को सुबह 10 बजे भाकिसं द्वारा नगर निगम चौराहा पर आंदोलन किया जाएगा।
आंदोलन को लेकर हुई बैठक में चर्चा
भाकिसं की बैठक शुक्रवार को मोरधड़, छैगांवमाखन और पुनासा में हुई। बैठक में संगठन के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी का जन्म शताब्दी वर्ष मनाया गया एवं बैठकों में मंडल की रचना की गई। बैठक में निर्णय लिया कि सभी मंडल अध्यक्षों को गांव में जन्म शताब्दी वर्ष के आयोजन करना है। साथ ही दिसंबर आखिरी सप्ताह में कर्ज माफी, गेहूं का बोनस राहत राशि एवं अन्य बिंदुओं को लेकर आंदोलन किया जाएगा। जिसके लिए गांव में जन्म शताब्दी वर्ष मना कर आंदोलन के लिए किसानों को प्रेरित करना है। खंडवा तहसील की बैठक ग्राम मोरदड़, छैगांवमाखन, पुनासा तहसील की बैठक ग्राम कालिया खेड़ी में हुई। खंडवा तहसील के प्रभारी सुभाष पटेल और जय पटेल रहे। छैगांवमाखन में तिलोकचंद लेवा, उमेश पटेल, श्रीकांत गोखले प्रभारी रहे, पुनासा तहसील प्रभारी दीना चलोत्र, रेवाराम रहे।