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खंडवा

ऑफिस बॉय से बन गया कंपनी मालिक, करने लगा ठगी

नागपुर से आरोपी को पकड़ कर लाई पुलिस, कई युवाओं की रकम ठगने का आरोप, महिलाओं को चूल्हा देकर की चालबाजी

खंडवाMay 24, 2022 / 11:17 pm

Dhirendra Gupta

Company owner turned from office boy, started cheating

Company owner turned from office boy, started cheating

खंडवा. ऑफिस बॉय का काम करने वाला एक युवक अपराध की नीयत रखते हुए कंपनी का मालिक बन बैठा। उसने माइक्रो फाइनेंस के नाम पर लोगों को ठगना शुरू किया तो देश के कई राज्यों में उसके नाम केस दर्ज होने लगे। खंडवा में भी नौकरी के नाम पर युवओं को धोखा देने और महिला समूहों को चूल्हा देकर चालबाजी करने का एक मामला सामने आया। फरवरी में दर्ज हुए इस केस में पुलिस आरोपी को नागपुर से पकड़ कर लाई है। एडिशनल एसपी प्रकाश परिहार ने खुलासा करने के दौरान बताया कि आरोपी के निशाने पर इस बार नागपुर के लोग थे, वहां भी इसने नई कंपनी बनाकर काम चालू कर दिया था।
यह है मामला
थाना मोघट रोड में 28 फरवरी को पंकज पिता प्रताप सिंह मालवीय निवासी सूरज कुंड खंडवा ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि तेज सिंह चौधरी नाम के व्यक्ति ने लैण्ड मार्क-1 खंडवा में ईको माईक्रो फाईनेंस नाम से कार्यालय खोला। जहां बेरोजगारों को कंपनी में भर्ती कर महिलाओं के समूह बनाकर लोन देने के नाम पर धोखाधड़ी कर चार से पांच लाख रुपए लेकर फरार हो गया है।
एसपी ने बनाई थी टीम
बेरोजगार युवकों और महिलाओं के समूह के साथ धोखाधड़ी की इस गंभीर घटना की तह तक जाने के लिए पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह के निर्देश पर जिला स्तर पर टीम का गठन किया गया। जिसमें सीएसपी पूनमचंद्र यादव, ईश्वर सिंह थाना प्रभारी मोघट रोड, एएसआइ चंद्रकांत सोनवाने, प्रधान आरक्षक महेन्द्र वर्मा, राजीव यादव, आरक्षक सोहन जाट, सुनील निगवाल, प्रधान आरक्षक जितेन्द्र राठौर, सुनील सायबर सेल को शामिल किया।
सीखने के बाद दिया धोखा
आरोपी की तलाश के दौरान पता चला कि वह नागपुर में है। पुलिस ने दबिश देकर पकड़ा तो पता चला कि उसने नागपुर में फर्जी ईको माईको फाईनेंस कंपनी खोलने के लिए खंडवा निवासी प्रवेश श्रीवास के नाम से इन्डस इंड बैंक में फर्जी खाता खुलवा कर चेक बुक जारी करा ली और तथा एक लाख रूपये का फर्जी चेक देकर ऑफिस किराए पर ले लिया था। पूछताछ की तो आरोपी ने अपना सही नाम रंजीत पिता राम हरक गौतम (36) निवासी ग्राम कमालपुर थाना बरदह जिला आजमगढ़ का होना बताया। आरोपी का कहना है कि उसने मार्केटिंग सेल्स ब्रांच से प्राइवेट एमबीए किया है। दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में ऑफिस बाॅय का काम किया और फिर एचडीएफसी बैंक शाखा दिल्ली व गुजरात में लोन ऐजेंट के रूप में काम कर यह सीखा कि जनता को कैसे भरोसे में लेना है। इसके बाद वहदिल्ली, हरियाणा, गुजरात, सागर, बीना, ग्वालियर, रायसेन, इंदौर, आगरा, होशंगाबाद, इटारसी, विदिशा, छिंदवाडा, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, नागपुर में फर्जी कंपनी बनाकर लोगों से धोखाधड़ी करने लगा।
नया शहर, नया नाम
आरोपी ने बताया कि पहले चिन्हित शहर में जाता ओर खुद सर्वे करता था। बेरोजगारों को लालच देकर फर्जी कंपनी बनाकर भर्ती करता था और फिर कार्ययोजना बताकर महिलाओं के समूह बनाता था। आरोपी बेरोजगारों को भर्ती करने के बाद उनके फोटो व आधार कार्ड लेकर जुम्मेराती क्षेत्र भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस पर पहचान पत्र बनवाता था। शहर बदलते ही अपना नाम भी बदल लेता था।
1750 में 750 का चूल्हा
कर्मचारियों के माध्यम से महिलाओं का समूह बनाने के बाद आरोपी समूह के प्रत्येक सदस्य को 30 हजार रुपए का लोन देने का लालच देता था। लोन के लिए शर्त रखी जाती थी कि सदस्य बनने के लिए 1750 रूपये का इन्डक्शन चूल्हा खरीदना पड़ेगा, जिसकी बाजार कीमत वह 3500 रुपए बताता था। चूल्हा लेने में 170 रुपए कंपनी का फाईल चार्ज भी लेता था।
भोपाल से आती थी फर्जी सिम
आरोपी धोखाधड़ी में फर्जी सिम कार्ड का उपयोग करता था। जीतेश भारती पिता भगवान निवासी सेमरा कला चांदबड़ कैलाशनगर उसे सिमकार्ड देता था। इस मामले में पुलिस ने रंजीत पिता रामहरक गौतम और नीतेश भारती पिता भगवान निवासी सेमरा कला चांदवड कैलाशनगर थाना अशोका गार्डन भोपाल को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। पुलिस ने विवेचना में लैण्ड मार्क वन में संचालित ऑफिस से समूह सदस्यों के 210 लोन फार्म, 6 इन्डक्शन चूल्हे, दो मोबाइल, प्रवेश श्रीवास के नाम की चेक बुक, आधार कार्ड तथा तेजसिंह के नाम का आधार कार्ड जब्त किया है।

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