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बीएमओ की विभागीय जांच और सीडीपीओ को कारण बताओ नोटिस जारी

locationखंडवाPublished: Sep 03, 2020 11:16:20 pm

-खालवा ब्लॉक की एएनएम और कार्यकर्ता को किया जाएगा पद से पृथक-पोषण पुनर्वास केंद्रों में कम बच्चें भर्ती होने पर कटेगा जिम्मेदारों का वेतन-डीएम ने की स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा

बीएमओ की विभागीय जांच और सीडीपीओ को कारण बताओ नोटिस जारी

-खालवा ब्लॉक की एएनएम और कार्यकर्ता को किया जाएगा पद से पृथक-पोषण पुनर्वास केंद्रों में कम बच्चें भर्ती होने पर कटेगा जिम्मेदारों का वेतन-डीएम ने की स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा

खंडवा.
स्वास्थ्य कार्यक्रमों में कमजोर प्रगति और कोरोना नियंत्रण कार्यक्रम में लापरवाही के चलते पंधाना ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के खिलाफ विभागीय जांच करने के निर्देश डीएम अनय द्विवेदी ने दिए है। साथ ही पंधाना ब्लॉक की महिला बाल विकास विभाग परियोजना अधिकारी को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बुधवार को महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान डीएम ने आदेश जारी किए है।
गुरुवार को हुई समीक्षा के दौरान खालवा विकासखंड के ग्राम सावखेड़ी में गत दिनों प्रसव के दौरान महिला की मृत्यु होना पाया गया, जिस पर डीएम ने वहां की कार्यकर्ता व एएनएम को पद से पृथक करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास को निर्देश दिए कि सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण आहार का वितरण का सत्यापन ग्राम पंचायत सचिव से करवाया जाए। डीएम ने जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग से जननी सुरक्षा योजना, पोषण पुनर्वास केंद्र तथा परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत हितग्राहियों को समय पर भुगतान किया जाएं। जिन विकासखंडों में यह भुगतान आज की स्थिति में लंबित हैं वहां के लेखापालों व बीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाए।
एनआरसी में कम बच्चें भर्ती होने पर सीडीपीओ व बीएमओ का कटेगा वेतन
डीएम ने बैठक में कहा कि जिन एनआरसी में जांच के दौरान बच्चें कम भर्ती होना पाए जाएंगे वहां के सीडीपीओ महिला बाल विकास विभाग के साथ अब बीएमओ के वेतन भी काटे जाएंगे। उन्होंने कहा कि एनआरसी में भर्ती सभी बच्चों का डिस्चार्ज होने के बाद पुन: फॉलोअप किया जाए। डीएम ने निर्देश दिए कि सभी बीएमओ सुनिश्चित करे कि किसी भी गर्भवती महिला की डिलिवरी घर पर न हो, बल्कि शत प्रतिशत डिलिवरी अस्पतालों में ही हो। यदि घर पर डिलिवरी होना पाया जाता है तथा डिलिवरी के दौरान जच्चा या बच्चा की मृत्यु होती है तो वहां की एएनएम व स्वास्थ्य कार्यकर्ता को पद से पृथक किया जाएगा। बैठक में सीएमएचओ डॉ. डीएस चौहान, डीपीओ महिला एवं बाल विकास अंशुबाला मसीह, सिविल सर्जन डॉ. ओपी जुगतावत सहित स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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