नंबर एक बनने का सपना, पुरानी रैंकिंग भी खोने का डर
खंडवाPublished: Feb 12, 2021 10:53:16 pm
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021-सिटीजन फीडबैक से उम्मीद, अमानक पॉलीथिन कटवा सकती नंबर-रोजाना 2 टन पॉलीथिन निकल रही कचरे में-लगातार कार्रवाई के बाद भी नहीं लग पा रही रोक
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021-सिटीजन फीडबैक से उम्मीद, अमानक पॉलीथिन कटवा सकती नंबर-रोजाना 2 टन पॉलीथिन निकल रही कचरे में-लगातार कार्रवाई के बाद भी नहीं लग पा रही रोक
खंडवा.
स्वच्छ सर्वेक्षण में जहां मप्र को नंबर वन बनाने के प्रयास प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे है। वहीं, खंडवा नगर निगम भी अपनी पिछली रैंकिंग को बढ़ाकर एक नंबर पर लाने में लगी हुई है। शहर में जहां तहां फैल रहे कचरे, अमानक पॉलीथिन का विक्रय, उपयोग बंद नहीं होने और ट्रेचिंग ग्राउंड पर लगता प्लास्टिक कचरे का ढेर पिछली रैंकिंग को भी खोने का कारण बनता नजर आ रहा है। लगातार कार्रवाई के बाद भी शहर में अमानक प्रतिबंधित पॉलीथिन पर रोक लगाने में निगम का अमला असमर्थ नजर आ रहा है।
सतं रैदास वार्ड स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड में प्रतिदिन लगभग 30 टन सूखा-गीला कचरा पहुंचता है। इसमें करीब दो टन अमानक पॉलीथिन का कचरा शामिल है। मार्च के प्रथम सप्ताह में स्वच्छ सर्वेक्षण का निर्णायक निरीक्षण होना है। जिसके लिए निगम का अमला नंबर वन रैंकिंग के लिए भले ही प्रयास कर रहा है, लेकिन कई जोन में अमानक पॉलीथिन को लेकर कार्रवाई न के बराबर हो रही है। सिर्फ जोन क्रमांक चार द्वारा अमानक पॉलीथिन को लेकर कार्रवाई की जा रही है। गुरुवार को भी जोन चार के प्रभारी व कर्मचारियों ने भैरो तालाब वार्ड के सन्मति नगर और निगम के पीछे स्थित दुकान से से कुल 3 किलो पॉलीथिन जब्त कर संबंधितों पर दो हजार रुपए का जुर्माना किया।
ये है निगम की उम्मीद की किरण
-स्वच्छ सर्वेक्षण में निगम को सबसे ज्यादा नंबर मिलने की उम्मीद सिटीजन फीडबैक से है। निगम को कुल 20074 लोगों से फीडबैक लेना है, जिसमें से 18 हजार से ज्यादा लोगों से वे फीडबैक भरवा चुके हैं। निगम मिले लक्ष्य से अधिक की प्राप्ति करने में लगा हुआ है।
-निगम की दूसरी उम्मीद डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन से है। जिसमें पिछली बार से ज्यादा कार्य इस बार किया जा रहा है। डोर-टू-डोर गाडिय़ों की संख्या भी बढ़ाई गई है।
-कंपोस्ड खाद का निर्माण भी निगम द्वारा आरंभ कर दिया गया है। निगम द्वारा गीला और सूखा कचरा अलग-अलग लेकर गीले कचरे से खाद बनाई जा रही है। जिसके चलते गीले कचरे का निष्पादन भी हो रहा है।
-निगम को ओडीएफ में मिले डबल प्लस से भी इस बार नंबर बढऩे की उम्मीद है। ओडीएफ प्लस के लिए निगम के पास छह से अधिक यानि आठ सार्वजनिक शौचायल है। साथ ही व्यक्तिगत शौचालयों की संख्या भी पिछली बार की तुलना में बढ़ी है।
यहां हो सकती है माइनस मार्किंग
-निगम को स्वच्छ सर्वेक्षण में मिलने वाले नंबर में सीवरेज ट्रिटमेंट प्लांट शुरू नहीं होने से माइनस मार्किंग मिल सकती है। गिनम द्वारा शहर के प्रमुख चार नालों पर एसटीपी बनवा जरूर लिए हैं, लेकिन अब तक इसे शुरू नहीं किया गया है।
-गारबेज फ्री सिटी में भी निगम के नंबर कट सकते हैं। कई स्थानों पर कच्चे नाले और नालियां शुरू से ही गिनम का माइनस पाइंट रहे है। इन नाले, नालियों को लेकर कोई ठोस योजना बन नहीं पाई है।
-खुले स्थानों पर फेंका जा रहा कचरा भी निगम के लिए माइनस मार्किंग करवा सकता है। कई स्थानों पर डस्टबीन लगे होने के बाद भी लोग बाहर कचरा फेंक रहे है, जिसके कारण कचरे के ढेर लगने से स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम नंबर काट सकती है।
पिछले साल प्रदेश में 6वां स्थान मिला
नगर निगम खंडवा को स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में प्रदेश में छटवां स्थान मिला था। जबकि देश में खंडवा निगम 21वें स्थान पर रहा था। निगम अधिकारी इस बार छटवें स्थान से ऊपर उठकर तीसरे स्थान की उम्मीद लगाए बैठा है।
अमानक पॉलीथिन पर कर रहे कार्रवाई
अमानक पॉलीथिन पर कार्रवाई की जा रही है। कुछ जोन जो कार्रवाई नहीं कर रहे, उन्हें भी इसके लिए प्रेरित किया जाएगा। एसटीपी को भी जल्द शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। कचरा कलेक्शन और सेक्रिफेशन में हमारी स्थित बेहतर है।
शाहीन खान, नगर निगम स्वास्थ्य प्रभारी