बादलों की वास्तविक स्थिति पता लगाना, वैज्ञानिक तरीके से मौसम का पता लगाना, वर्षा यंत्र से कितने मिलीमीटर बारिश हुई है जानना, मिट्टी का परीक्षण वैज्ञानिक सोच से करना, जलवायु परिवर्तन से पेड़ पौधों पर पडऩे वाले प्रभाव की जानकारी बच्चे प्राप्त करेंगे।
सरकारी स्कूलों में इको क्लब तो हैं लेकिन अधिकांश स्थानों पर ये सुप्तप्राय: अवस्था में है। ऐसे में इन्हें जागृत करने की चुनौती पहले होगी। प्रयास अच्छा किया जा रहा है लेकिन जब तक इको क्लब के प्रभारी व जिम्मेदार इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाएंगे तब तक इसकी सफलता पर संदेह ही रहेगा। इस दिशा में गंभीरता से काम शुरू करने की दरकार है। इसके बाद ही किए जा रहे प्रयास सफल हो सकेंगे।