कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल ने पुनासा तहसील के एक दर्जन से अधिक ग्रामों खैगांव, मूंदी, पलसूद माल, जलवा बुर्जुग, देवला रैयत, खुटलाकलां, अटूटखास, सुलगांव, रिछफल, दौलतपुरा, धमनगांव, बांगरदा, मोहना, दियानतपुर, मकड़कक्ष, धारकवाड़ी, पलसूद रैयत का दौरा कर अतिवृष्टि के कारण प्रभावित कपास व सोयाबीन की फसल का जायजा लिया। एसडीएम पुनासा व उपसंचालक कृषि को निर्देश दिए कि राजस्व व कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों के संयुक्त दल बनाकर फसल क्षति का सर्वे आज से ही प्रारंभ करने की बात कही। मांधाता विधायक नारायण पटेल भी मौजूद थे।
ग्राम खैगांव में किसान बालाराम ने कहा कि सफेद मक्खी का प्रकोप होने से कपास की फसल बिल्कुल खराब हो गई है। यहां कलेक्टर ने किसानों से कहा- यदि फसल का बीमा है तो कंपनी से राहत दिलाई जाएगी, यदि बीमा नहीं है तो राजस्व पुस्तक परिपत्र के नवीनतम प्रावधानों के तहत किसानों को हरसंभव मदद सरकार दिलाएगी। बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर अपनी फसल क्षति की जानकारी नोट कराएं। किसानों ने बताया कि टोल फ्री नंबर पर कोई रिस्पांस नहीं मिलता है। कलेक्टर ने कहा कि फोन लगाने के बाद पटवारी की उपस्थिति में अन्य फसल बीमा अभिकर्ताओं के निर्धारित मोबाइल नंबर पर भी फोन लगाएं तथा इस बात का पंचनामा भी बना लें, ताकि यह रिकॉर्ड रहे कि किसानों ने बीमा कंपनी को फोन लगाया था।
– ग्राम जलवा बुर्जुग में स्वरूप राठौर की सोयाबीन की फसल तथा मनोहर गेंदा की कपास की फसल खराब। ग्राम पलसूदमाल में अशोक गेहलोत की सोयाबीन की फसल भी प्रभावित।
– अटूटखास, दियानतपुर में भारत सिंह पवार की कपास की फसल, ग्राम सुलगांव में हरिराम देवकरण व रामचंद्र ठाकुर की कपास की फसल तथा मथेला में चेतराम मौजीलाल की फसल पर असर।
– ग्राम देवला रैयत में किसान गणेश के कपास के खेतों में जाकर कलेक्टर ने फसल क्षति का जायजा लिया और उसे आश्वस्त किया कि फसल क्षति के लिए हरसंभव राहत राशि उन्हें दिलाई जाएगी।- ग्राम अटूटखास में इंदर सिंह, जगराम, राधेश्याम व रमेश सहित अन्य के खेत में जाकर फसल क्षति का जायजा लिया।
– एसडीएम पुनासा को निर्देश दिए कि सोयाबीन व कपास की फसल के संबंध में बीमा कंपनी के प्रावधानों की जानकारी ग्राम पंचायतों के सूचना पटल पर चस्पा की जाए ताकि किसानों को जानकारी रहे।
– सभी ग्रामों के पटवारी सुबह 7 बजे से शाम के 7 बजे तक अपने क्षेत्र के ग्रामों में ही रूककर किसानों की फसल क्षति का सर्वे कर जानकारी संकलित करें व 3 दिन में सभी तहसीलों की जानकारी एकत्र हो जाए।