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खंडवा

इसके पत्र देख बड़े-बड़े अधिकारियों का घूम जाता था सिर, कईयों का कराया ट्रांसफर तो कितनों को निकलवाया जेल से बाहर

आरोपी के घर से दो सौ शासकीय विभागों की चिट्ठी मिली है, जिसकी जांच पुलिस कर रही है

खंडवाJan 25, 2020 / 03:16 pm

Muneshwar Kumar

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खंडवा/ हाल के दिनों में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से कई फर्जी अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है। लेकिन खंडवा पुलिस ने एक ऐसे फर्जी व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसके पत्र से बड़े-बड़े अधिकारियों का सिर घूम जाता था। इसके साइन से कईयों को जमानत मिल गई तो कितने सरकारी कर्मचारियों का तबादला हो गया है। यह जरूरत के हिसाब से खुद की पहचान बदलता रहता था। कभी मंत्री, कभी कलेक्टर, कभी जज, कभी सीबीआई का अफसर…पुलिस अधिकारियों को इसके बीस रूप के सबूत मिले हैं।
शासकीय नौकरी के नियुक्ति पत्र, स्थानांतरण, जेल में बंद बंदियों की रिहाई आदेश सहित अन्य फर्जी शासकीय आदेश बनाकर जारी करने वाले शातिर जालसाज को खंडवा के मोघट पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी से अलग-अलग विभागों के दो सौ से अधिक फर्जी आदेश बरामद हुए हैं। आरोपी ने सीजेएम की फर्जी सील बनवाकर जेल में बंद बंदियों की रिहाई के आदेश भी जारी किए।
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बताता था खुद को सीबीआई का एसपी
शुक्रवार को मामले का खुलासा करते हुए खंडवा एसपी शिवदयाल सिंह ने बताया कि आरोपी अनिरुद्ध मोतेकर खुद को सीबीआई एसपी और महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के नेताओं से गहरी पकड़ बताकर लोगों के बीच धाक जमाता था। शासकीय विभागों से संबंधित कार्य कराने की बात कहता। आरोपी करीब दल साल से जालसाजी कर रहा था। शिकायतों के आधार पर सुभाष नगर स्थित कार्यालय पर सीएसपी ललित गठरे, मोघट टीआई मोहन सिंह सिंगोरे, एसआई विकास खिंची सहित अन्य की टीम ने छापा मारा।
200 से अधिक शासकीय आदेश बरामद हुए
कार्रवाई में दो सौ से अधिक फर्जी शासकीय विभागों की फर्जी सीलें मिली। फर्जी आदेशओं के पालन की स्थिति की जानकारी जुटाने के लिए संबंधित विभागों के लिए पुलिस टीमें रवाना की है। आरोपी मोतेकर के खिलाफ धारा 420, 406 के तहक प्रकरण दर्ज कर पूछताछ की जा रही है।
भाषाशैली सीखी
एसपी ने बताया कि शासन से जारी असली आदेशों को पढ़कर आरोपी मोतेकर ने फर्जी आदेश बनाने की भाषाशैली सीखी। वहीं असली आदेश की कॉपी से संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर काटकर फर्जी आदेश पर लगाता। इसके बाद फोटोकॉपी और स्कैन कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर लेता। आरोपी ने राज्यपाल, गृह मंत्रालय, भारत सरकार सहित अन्य विभागों के फर्जी हस्ताक्षर किए। उससे अलग-अलग विभागों की बीस से ज्यादा सील बरामद हुई हैं। ये उसने महाराष्ट्र और कुछ शहरीय क्षेत्र की दुकानों से बनवाई। अब शहर में सील बनाने वाली दुकानों की जांच कराई जा रही है।
बलात्कार के आरोपियों को दिलाई जमानत
आरोपी मोतेकर ने जेल में बंद बंदियों की रिहाई के लिए फर्जी आदेश जारी किए हैं। इनमें बुरहानपुर जिले के निंबोला थाना क्षेत्र के बलात्कार, अपहरण मामले में सजायाफ्ता बंदी को जेल में रिहाई की अनुशंसा के लिए फर्जी पत्र बनाया। वहीं, कोतवाली थाना के एनडीपीएस एक्ट के तहस सजा काट रहे बंदी की रिहाई का फर्जी आदेश जारी किया है। इसके अलावा अन्य आदेश भी मिले हैं। वहीं, पुलिस अब फर्जी आदेशों के पालन की स्थितियों की जांच कर रही है। पुलिस को संदेह है कि कहीं फर्जी आदेश पर कोई बंदी रिहा तो नहीं हो गया।
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डॉक्टरों के ट्रांसफर की लिस्ट तैयार की

आरोपी ने स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ डॉक्टर्स और एएनएम के स्थानांतरण आदेश भी जारी कर डाले। उत्खनन के लिए लीज, अनुज्ञा पत्र, भूमि नामांतरण, अंकसूची, आधार कार्ड वनरक्षक की नियुक्ति सहित अन्य फर्जी आदेश बनाए। आरोपी ने हेमलाल को फर्जी वनरक्षक नियुक्ति सहित अन्य फर्जी आदेश बनाए। आरोपी ने हेमलाल को फर्जी वनरक्षक नियुक्ति का आदेश जारी किया। तूफानसिंह से दस्तावेज बनाने डेढ़ लाख रुपये हड़पे और अर्चना को मध्यप्रदेश सफाई कर्मचारी आयोग का अध्यक्ष बनाने का पत्र बनाकर दिया। इसके अलावा दो हजार से अधिक लोगों से राशि लेकर बीमा किया। इसकी जांच कराई जा रही है।

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