समिति अध्यक्ष ओमप्रकाश मित्तल की अध्यक्षता में बैठक हुई। मित्तल ने बताया पेड़ कटाई से पर्यावरण का दोहन हो रहा, लकड़ी की कमी भी हो रही। साथ ही कंडे बनाने का चलन भी बहुत कम हो गया है। जिससे अंत्येष्ठी या अन्य आवश्यक कार्य होने पर लकड़ी और कंडे दोनों की कमी होती है। इसलिए समिति ने पर्यावरण संरक्षण के पेड़ों को बचाने के लिए लकड़ी का विकल्प नवाचार कर रही है। यह मशीन से लकड़ी बनाई जाएगी। इस अवसर पर सचिव रामचंद्र मौर्य, भूपेंद्रसिंह चौहान, अरुण जैन, आशीष चटकेले, ओमप्रकाश अग्रवाल, महेन्द्र शर्मा, भानुभाई पटेल, किरणभाई पटेल, पंकज अग्रवाल, राकेश मालवीया, महेन्द्रसिंह तंवर उपस्थित है।
300 गाय है, इसलिए नवाचार का निर्णय
गणेश गोशाला में करीब 300 गाय है। जहां पर्याप्त मात्रा में गोबर उपलब्ध होता है। साथ ही कंडे की कमी को दूर करने के लिए गोबर की लकड़ी बनाने का निर्णय लिया गया है। यह मशीन डेढ़ से दो लाख रुपए में आएगी।
गणेश गोशाला में करीब 300 गाय है। जहां पर्याप्त मात्रा में गोबर उपलब्ध होता है। साथ ही कंडे की कमी को दूर करने के लिए गोबर की लकड़ी बनाने का निर्णय लिया गया है। यह मशीन डेढ़ से दो लाख रुपए में आएगी।