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खंडवा

शिक्षिका लगा रही लोगों के घर पोस्टर, पति सहित परिवार होम क्वॉरेंटीन

-पार्षद के घर लगा होम क्वॉरेंटीन का पोस्टर, कई कार्यक्रमों में हुए शामिल-14 दिन क्वॉरेंटीन के नए प्रशासनिक निदेर्शों से लोग हो रहे परेशान-छोटे बच्चों को भी डॉक्टर को दिखाना पड़ रहा लोगों को भारी, लग रहे घर के बाहर पोस्टर

खंडवाJul 05, 2020 / 09:35 pm

मनीष अरोड़ा

शिक्षिका लगा रही लोगों के घर पोस्टर, पति सहित परिवार होम क्वॉरेंटीन

-पार्षद के घर लगा होम क्वॉरेंटीन का पोस्टर, कई कार्यक्रमों में हुए शामिल-14 दिन क्वॉरेंटीन के नए प्रशासनिक निदेर्शों से लोग हो रहे परेशान-छोटे बच्चों को भी डॉक्टर को दिखाना पड़ रहा लोगों को भारी, लग रहे घर के बाहर पोस्टर

खंडवा.
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा संदिग्ध लोगों को होम क्वॉरेंटीन किया जा रहा है। 14 दिन होम क्वॉरेंटीन का ये प्रशासनिक निर्देश कई लोगों के लिए मुसीबत का सबब भी बनता जा रहा है। बिना किसी बीमारी, बिना सैंपल के, सैंपल निगेटिव आने के बाद भी लोगों के घर के बाहर होम क्वॉरेंटीन के पोस्टर चस्पा हो रहे है। यहां तक देखने में आ रहा है कि जिसकी ड्यूटी होम क्वॉरेंटीन के पोस्टर चस्पा करने में लगी है, उसका पूरा परिवार ही होम क्वॉरेंटीन है। वहीं, भाजपा के पार्षद के घर के बाहर भी होम क्वॉरेंटीन का पोस्टर लगाने के बाद भी वे कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल हो रहे है।
शिक्षा विभाग में कार्यरत एक शिक्षिका की ड्यूटी वार्ड क्रमांक 43 में लोगों के घर होम क्वॉरेंटीन का पोस्टर चस्पा करने में लगी हुई है। इन शिक्षिका के पति को कुछ दिन पूर्व बीमार होने पर एक मेडिकल से दवाई लेने पर प्रशासन द्वारा होम क्वॉरेंटीन कर दिया गया है। शिक्षिका के घर के बाहर ही सभी सदस्यों के होम क्वॉरेंटीन का पोस्टर लगा हुआ है। वहीं, रामकृष्ण गंज निवासी पार्षद सुनील जैन की पत्नी के सैंपल रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उनके पूरे परिवार को भी होम क्वॉरेंटीन किया गया है। पार्षद सुनील जैन रविवार को भी कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल हुए है। इस मामले में पार्षद सुनील जैन का कहना है कि कोरोना को रोकने के लिए संदिग्धों के घर के बाहर पोस्टर लगाना उचित है, लेकिन जो लोग पॉजिटिव नहीं है, जिनका कोरोना से कोई लेना देना नहीं है और सिर्फ मेडिकल से दर्द की दवा लेने पर ही होम क्वॉरेेंटीन किया जाना उचित नहीं है। इसके लिए उन्होंने सांसद से भी शिकायत की है। ऐसे लोगों के घर पोस्टर चस्पा किए गए है जो कभी संदिग्ध भी नहीं रहे। अब इन लोगों के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है, जिससे इनके रोजगार भी प्रभावित हो रहे हैं।
चार साल के बच्चे को भी किया होम क्वॉरेंटीन
रविवार को सर्वे टीम द्वारा चार साल के बच्चे को भी परिवार सहित होम क्वॉरेंटीन कर दिया गया। चार वर्षीय बालक को दस्त लगे थे, जिसको डॉक्टर को दिखाने के बाद पिता ने मेडिकल से दवाई खरीदी थी। रविवार को आकर टीम ने इस बच्चे के नाम से घर के बाहर पोस्टर चस्पा कर दिया और पूरे परिवार को होम क्वॉरेंटीन रहने के निर्देश दिए। वहीं, घंटाघर निवासी एक डॉक्टर को भी मेडिकल से दवा लेने पर होम क्वॉरेंटीन कर दिया गया है। बांबे बाजार निवासी एक मार्केट संचालक को भी छह साल पुराने दर्द के लिए रोजाना लगने वाली दवाई लेने पर होम क्वॉरेंटीन किया गया है। सनगली निवासी एक व्यक्ति के पैर में दर्द होने पर दवाई लेने पर होम क्वॉरेंटीन कर दिया गया है। पूरे मामले में प्रशासन का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। शहर में करीब ऐसे 200 परिवार है जो बिना कारण होम क्वॉरेंटीन किए गए है, जिससे पूरे शहर में हड़कंप मचा हुआ है।

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