गुरुवार रात अग्रवाल धर्मशाला में आयकर की धारा 43बी(एच) एवं एमएसएमइ के प्रावधानों पर जानकारी के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। चेंबर ऑफ कॉमर्स और टैक्स बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यशाला में इंदौर से आए पंकज शाह ने व्यापारियों की जिझासाओं का समाधान किया। उन्होंने कहा कि आयकर के नए प्रावधानों के कारण कई व्यापारी अपना एमएसएमई रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर रहें है। क्योंकि बड़े खरीददार इस प्रावधान के कारण एमएसएमई से माल खरीदने पर परहेज कर रहें है। इस प्रावधान के अनुसार हर व्यापारी चाहे वो स्वयं एमएसएमई हो या नहीं पर अगर वो सूक्ष्म और लघु यूनिट से माल खरीद रहा है तो उसके खर्चा अमान्य होगा।
एमएसएमइ को फायदे की बजाय नुकसान
प्रवक्ता नारायण बाहेती व कमल नागपाल ने बताया कि पंकज शाह, चेंबर अध्यक्ष सुनील बंसल, एशोसिएशन अध्यक्ष अखिलेश गुप्ता, गुरमीत सिंह उबेजा, प्रियेश अग्रवाल ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। सुनील बंसल ने कहा कि देश में एमएसएमइ का अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है। लगभग 12 करोड़ लोगों को इससे रोजगार मिलता है। आयकर विभाग द्वारा इस वर्ष से लागू नियम जिसके तहत 45 दिनों के बाद पैमेंट होने पर खर्च को अमान्य करने से एमएसएमइ को फायदे के बजाय नुकसान ज्यादा दिख रहा है। अखिलेश गुप्ता ने बताया कि हमने सरकार को सुझाव भेजे है कि इस प्रावधान को एक वर्ष के लिए लंबित कर दिया जाए। क्योंकि इससे व्यापार पर प्रतिकूल असर हो रहा है। कार्यशाला में मेघराज जैन, ओमप्रकाश अग्रवाल, शुभम अग्रवाल व बड़ी संख्या में व्यापारी उपस्थित रहे। संचालन राजेश खत्री ने किया।
प्रवक्ता नारायण बाहेती व कमल नागपाल ने बताया कि पंकज शाह, चेंबर अध्यक्ष सुनील बंसल, एशोसिएशन अध्यक्ष अखिलेश गुप्ता, गुरमीत सिंह उबेजा, प्रियेश अग्रवाल ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। सुनील बंसल ने कहा कि देश में एमएसएमइ का अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है। लगभग 12 करोड़ लोगों को इससे रोजगार मिलता है। आयकर विभाग द्वारा इस वर्ष से लागू नियम जिसके तहत 45 दिनों के बाद पैमेंट होने पर खर्च को अमान्य करने से एमएसएमइ को फायदे के बजाय नुकसान ज्यादा दिख रहा है। अखिलेश गुप्ता ने बताया कि हमने सरकार को सुझाव भेजे है कि इस प्रावधान को एक वर्ष के लिए लंबित कर दिया जाए। क्योंकि इससे व्यापार पर प्रतिकूल असर हो रहा है। कार्यशाला में मेघराज जैन, ओमप्रकाश अग्रवाल, शुभम अग्रवाल व बड़ी संख्या में व्यापारी उपस्थित रहे। संचालन राजेश खत्री ने किया।