Read:पहले साथ जीने-मरने की कसम, फिर प्रेमिका को जहर देकर मारा खूंखार अपराधी आनन्दपाल सिंह के पुलिस अभिरक्षा से फरार होने की घटना के बाद पुलिस मुख्यालय ने जिलों में विचाराधीन बंदियों की सुरक्षा को लेकर कई बदलाव किए है। खास कर हार्डकोर बंदियों की सुरक्षा को लेकर हाइटेक घेर बनाया है। ये घेरा एक विशेष किस्म की बस से लेकर जेल के द्वार तक हार्डकोर अपराधियों पर कसा रहेगा। ये बस पुलिस बेडे में शामिल अन्य बसों से मजबूत होने के साथ ही अलग किस्म की होगी।
Read:नसबंदी ऑपरेशन फेल होने पर जिम्मेदार के खिलाफ क्या कार्रवाई होनी चाहिए ? हमें बताएं… इसमें जीपीएस सिस्टम लगा होगा। एक केबिन होगी। इसी प्रकार बस किस लोकेशन से निकलेगी और इसके भीतर कितने लोग है और किस स्थिति में उसका रिकार्ड भी सीसीटीवी कैमरे के जरिए मिल सकेगा। इसी प्रकार बस के बुलट फू्रफ होने के साथ ही उसमें अत्याधुनिक हथियार रखने की सुविधा होगी।
कमांडों की नजरों में रहेंगे हार्डकोर जिला कारागार से हार्डकोर बंदियों को न्यायालय से लाने व ले जाने के लिए एक विशेष कमांडो बस बनाई गई। इसमें 15 हार्डकोर बंदी रखे जा सकेंगे। इसमें पुलिस के 20 कमांडों मौजूद रहेंगे। ये सशस्त्र हथियारों से लैस रहेंगे। बस का लोकेशन ऑन लाइन रहेगा। जिला कारागार में बंद हार्डकोर अपराधियों का पूर्ण रिकार्ड सम्बन्धित जेलों के साथ ही जिला पुलिस मुख्यालय पर रहेगा। ये बस इसी माह पुलिस बेडे में शामिल कर ली जाएगी।
प्रदीप मोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा