खंडवा

‘दो बड़े प्लेयर्स’ में सिमटे शहर के प्रमुख स्कूल, छोटे दुकानदार दौड़ से ही बाहर

लाभ का गठजोड़ … छोटे दुकानदारों को आपूर्ति नहीं कर रहे निजी प्रकाशक
निजी स्कूल संचालक, प्रकाशक और दुकानदारों की तिकड़ी में फंसे पालक
 
 

खंडवाMar 28, 2024 / 12:46 pm

Deepak sapkal

पत्रिका

खंडवा. नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ही निजी स्कूलों की मनमानी शुरू हो गई है। स्कूलों की मोनोपॉली इस कदर है कि एक स्कूल की पुस्तक दूसरी दुकान पर नहीं मिल रही है। शहर के प्रमुख स्कूलों की पुस्तकों की खरीद फरोख्त पर सिर्फ दो दुकानदारों ने कब्जा जमा लिया है। शहर के आठ बड़े स्कूलों की पुस्तक सिर्फ इन्हीं दुकानों पर बिक रही हैं। इनका गठजोड़ इतना बड़ा है, छोटे दुकानदारों को प्रकाशक आपूर्ति ही नहीं कर रहे हैं। इससे शहर के छोटे दुकानदार दौड़ से बाहर हो गए हैं। निजी स्कूल संचालक, प्रकाशक व दुकानदारों ने पहले से सब सेट कर रखा है।
पालकों को थमा रहे भारी भरकम बिल
एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए शैक्षणिक सत्र से पहले पालक निजी स्कूल संचालकों, प्रकाशकों और दुकानदारों की तिकड़ी के बीच ***** कर रह गए हैं। वे चाह कर भी वे किसी और दुकान से अपने बच्चों की पुस्तक नहीं खरीद पा रहे हैं। निजी स्कूल संचालक, प्रकाशक व दुकानदारों ने पहले से सब सेट कर रखा है। पालक बस दुकान पर पहुंचकर अपने बच्चे की कक्षा बता रहे हैं। इसके बाद पुस्तकों का सेट के साथ भारी भरकम बिल उन्हें थमाया जा रहा है।
ये है पुस्तकों की कीमत (कॉपियों का दाम इसके अतिरिक्त)
भंडारी पब्लिक स्कूल
कक्षा पहली : 2900 रुपए
कक्षा दूसरी : 3100 रुपए
कक्षा तीसरी : 3800 रुपए
कक्षा चौथी : 4100 रुपए
कक्षा पांचवीं : 4300 रुपए
कान्वेंट स्कूल
कक्षा पहली : 2612 रुपए
कक्षा दूसरी : 2737 रुपए
कक्षा तीसरीः 3200 रुपए
कक्षा चौथी : 3400 रुपए
कक्षा पांचवीं : 3558 रुपए

सोफिया स्कूल
कक्षा पहली : 2600 रुपए
कक्षा दूसरी : 2800 रुपए
कक्षा तीसरी : 3000 रुपए
कक्षा चौथी : 3200 रुपए
कक्षा पांचवीं : 3000 रुपए
शहर के दो दुकानों पर सभी पुस्तकें
शेर तिराहे के पास स्थित विद्यानजंली दुकान पर भंडारी, स्कॉलरडेन, बालाजी व एंजेल प्लानेट स्कूल की किताबें बिक रही हैं। इसी तरह से तीन पुलिया स्थित सरस्वती स्टेशनरी पर सेंट जोसफ कॉन्वेंट, हॉली स्प्रिट स्कूल, सेंट पायस स्कूल सहित एक अन्य स्कूलों की पुस्तकें हैं। शहर के बड़े आठ स्कूलों की पुस्तकें सिर्फ इन दो दुकानों पर ही मिल रही हैं।
निजी स्कूलों की मॉनीटरिंग के लिए टीम गठित की जाएगी, इस संदर्भ ने कलेक्टर ने पिछले दिनों आदेश जारी किया था। स्कूल संचालकों के पुस्तकों की सूची और उनकी उपलब्धता का पता लगाएंगे। किसी एक दुकान से खरीदी के लिए पालकों को बाध्य नहीं किया जा सकता। – पीएस सोलंकी, जिला शिक्षा अधिकारी खंडवा

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