मेंद्राणा के 600 से अधिक ग्रामीणों ने नहीं किया मतदान
सेंधवा और पानसेमल में पहले चरण में वोट डालने वालों में दिखा उत्साह, मतदान के लिए लगी कतार
More than 600 villagers of Mendrana did not vote
सेंधवा/पानसेमल. जिले के सबसे बड़े विकासखंड सेंधवा और पानसेमल में ग्राम पंचायत चुनाव में ग्रामीणों ने खुलकर मतदान किया। दोनों क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मतदान हुआ है। हालांकि पानसेमल के एक गांव में विकास कार्यों से नाराज सैकड़ों लोगों ने मतदान करने से दूरी बनाई और विरोध भी प्रकट किया। मतदान और मतगणना के दौरान किसी बड़ी घटना या विवाद का कोई समाचार नहीं मिला। पहले चरण में विकासखंड पानसेमल एवं सेंधवा के 557 मतदान केंद्रों पर हुए मतदान के दौरान मतदाताओं को छाया, पानी एवं व्हील चेयर की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई थी।
त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के पहले चरण में विकासखंड सेंधवा एवं पानसेमल की ग्राम पंचायतों में शनिवार को हुए मतदान में मतदाताओं का खूब उत्साह दिखा। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी-लंबी लाइनें लग गई थी, जो दिनभर चलती रही। मतदान के लिए निर्धारित दोपहर 3 बजे के बाद भी कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लाइन वोट डालने के लिए लगी रही।
ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार
जपं पानसेमल की पंचायत बालझिरी के ग्राम मेंद्राणा में ग्रामीणों ने मुलभूत सुविधाएं न मिलने को लेकर ग्रामीणों ने मतदान नहीं किया। विकास कार्यों सहित मुलभूत सुविधाओं की कमी से नाराज 600 से अधिक ग्रामीणों ने मतदान नहीं किया। मेंद्राणा मतदान केंद्र पर 638 मतदाता है। शनिवार को सिर्फ 10 मतदाता वोट डालने पहुंचे 7 जब अधिकारियों को पता चला तो तहसीलदार राकेश सस्तिया ने चर्चा कर ग्रामीणों से मतदान की अपील की, लेकिन नाराज ग्रामीण नहीं मानें। अधिकारियों द्वारा मेंदराना के मतदान दल को सबसे पहले मतगणना कर जब शासकीय महाविद्यालय पानसेमल पहुंचा तो जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी अपर कलेक्टर रेखा राठौड़, संयुक्त कलेक्टर एसडीएम पानसेमल अंशु जावला ने गिनती कर सबसे पहले पहुंचने वाले मतदान दल का पुष्प हार से स्वागत किया। अधिकारियों की इस पहल को मेंद्राणा के ग्रामीणों ने हास्यपद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। ग्रामीण माधव पटेल ने बताया कि गांव में नाली सड़क और अन्य भौतिक सुविधाएं नहीं है, भ्रष्टाचार चरम पर है। इसलिए मतदान नहीं किया। कलेक्टर का इंतजार किया था, लेकिन तहसीलदार आए थे। उनकी बातों से ग्रामीण संतुष्ट नहीं हुए और मतदान नहीं की किया।
सेंधवा में 61त्न से अधिक मतदान
सेंधवा विधानसभा में मतदान के दौरान किसी घटना या विवाद की जानकारी नहीं है। शाम 5 बजे तक मतदान चलता रहा। सहायक निर्वाचन अधिकारी मनीष पांडे ने बताया कि करीब 61 प्रतिशत मतदान हुआ है। सेंधवा के झोपाली, मेहदगांव, बलवाड़ी, धनोरा, चाचरिया, धवली, वरला, दुगनी, हिंगवा, कोलकी में बड़ी संख्या में मतदाता वोट डालने पहुंचे। झोपाली में 4 बजे तक मतदान हुआ। यहां मतदाताओं को पीने के पानी की दिक्कत हुई। बनिहार में शाम को 4 बजे तक टोकन देकर मतदान कराया गया। यहां राजकुमार राठौड़ ने बताया कि आपत्ति जताते हुए कहा कि पंच द्वारा मतदाता को अपने साथ मतदान केंद्र पर ले जाकर मतदान कराया। राठौड़ ने शिकायत करने की बात कही है। पूर्व मंत्री अंतरसिंग आर्य के गृह ग्राम में शाम 5 बजे तक 1905 वोट पड़े। विधायक ग्यारसीलाल रावत के ग्राम हिंगवा में भी मतदाताओं में उत्साह देखा गया। सेंधवा में रात तक अधिकतर मतदान दल पीजी कॉलेज पहुंचे।
मतदान को लेकर वृद्धों में रहा उत्साह
जपं पानसेमल का निर्वाचन 25 जून को शांति पूर्वक रूप से शुरू हुआ। करीब सभी 187 मतदान केंद्रों पर मतदान सुबह 7 बजे प्रारंभ हो चुका था। यहां मतदान करने के लिए पहली बार मतदान कर रहे युवा भी शामिल हुए। अधिक उम्र की वृद्ध महिलाएं भी पहुंची। दिव्यांगों को व्हील चेयर पर मतदान करने पहुंचाया गया। दिवडिय़ा, जूनापानी, बंधारा आदि मतदान बूथों पर करीब 5 बजे तक मतदाताओं की लंबी कतारें लगी रही। दोंडवाड़ा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने इस दौरान मतदाताओं को पानी की सुविधा मुहैया कराई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जलगोन पंचायत में करीब 800 मतदाताओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। इसी प्रकार की असुविधा सभी मतदान केंद्रों पर दी गई, लेकिन सुबह बादल छंटने के बाद दोपहर में अचानक धूप खिलने से मतदाताओं को धूप में ही खड़े रहना पड़ा।
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