खंडवा

नवजात को फेंका कटिली झाडिय़ों में, आशा ने बचाया

जाको राखे सांईयां…-108 के आने में हुई देर तो खुद ही लेकर पहुंचीं स्वास्थ्य केंद्र-पुलिस ने बाल कल्याण समिति के माध्यम से कराया एसएनसीयू में भर्ती

खंडवाAug 20, 2021 / 11:13 pm

मनीष अरोड़ा

जाको राखे सांईयां…-108 के आने में हुई देर तो खुद ही लेकर पहुंचीं स्वास्थ्य केंद्र-पुलिस ने बाल कल्याण समिति के माध्यम से कराया एसएनसीयू में भर्ती

खंडवा.
जाको राखे सांईयां मार सके न कोई… ये कहावत उस समय सच साबित हुई, जब एक नवजात को उसके परिजन ने मरने के कटिली झाडिय़ों में फेंक दिया। घटना गुरुवार रात 8 बजे पंधाना थाना क्षेत्र अंतर्गत शिवाबाबा रोड की है। नवजाज के रोने की आवाज सुनकर एक राहगीर ने गांव की आशा कार्यकर्ता को सूचना दी। जिसके बाद मौके पर पहुंचीं आशा कार्यकर्ता नवजात को बचाकर स्वास्थ्य केंद्र लाईं। मौके पर पहुंचे डायल 100 कर्मियों ने बच्चे को बाल कल्याण समिति के माध्यम से जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती कराया।
पंधाना ब्लॉक के घाटाखेड़ी निवासी राहुल जमरे गुरुवार रात घर की ओर जा रहे थे। इस दौरान शिवाबाबा रोड पर तेल्यादेव-देवनालियां गांव के बीच नाले के पास एक बच्चे के रोने की आवाज सुनी। राहुल ने तुरंत ही अपने गांव की आशा कार्यकर्ता अनिता जमरे को इसकी सूचना दी। आशा कार्यकर्ता पूरी तैयारी के साथ मौके पर पहुंची। यहां मोबाइल की लाइट में खोज करने पर नाले के पास कांटेदार झाडिय़ों में कपड़े में लिपटा नवजात पड़ा हुआ था। उसके शरीर पर कीड़े भी चल रहे थे। बच्चे की नाल भी नहीं काटी गई थी। इसके बाद आशा कार्यकर्ता ने तुरंत ही 108 और डायल 100 को सूचना दी। एंबुलेंस के आने में होती देर के कारण बच्चे की गंभीर हालत देखते हुए आशा उसे स्वास्थ्य केंद्र ले आईं। यहां बच्चे की नाल काटकर उसका शरीर साफ किया।
आठ माह का नवजात, स्थिति नाजुक
घटना की सूचना पर डायल 100 वाहन करीब 40 मिनट बाद वहां पहुंचा। जिसके बाद नवजात को डायल 100 के आरक्षक सागर, नारायण सिंह और पायलट प्रकाश पंधाना स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। प्राथमिक उपचार के बाद नवजात को थाने लाया गया। यहां बाल कल्याण समिति के निर्देश पर खंडवा से आईं चाइल्ड लाइन सदस्यों के हवाले नवजात किया गया। चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्चे को जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती कराया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कृष्णा वास्कले ने बताया कि बच्चा करीब आठ माह का है, उसकी स्थिति नाजुक है, उसका उपचार किया जा रहा है।
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