पर्युषण महापर्व का समापन आज, मंगलवार को मनेगा क्षमावाणी पर्व
पर्युषण महापर्व का समापन आज, मंगलवार को मनेगा क्षमावाणी पर्व
Paryushan Mahaparv ends today
खंडवा . पर्युषण पर्व के दौरान विगत आठ दिनों में क्रोध, मान, माया, लोभ को छोड़ा, सत्य के बारे में जाना, संयम को धारण किया, तप-त्याग किया आज आकिंचन्य धर्म को करना है, अर्थात परिग्रह का त्याग करना है। जिस प्रकार क्षमा का विरोध क्रोध, मार्दव का विरोधी मान है, उसी प्रकार आकिंचन्य धर्म का विरोधी परिग्रह है। ये बात पर्युषण पर्व के दौरान समयसार मंडल एवं दश लक्षण धर्म पर प्रवचन देते हुए जबलपुर से आए ब्र. पं. कैलाशचंद अचल ने कही।
दिगंबर जैन समाज द्वारा मनाए जा रहे पर्युषण पर्व का समापन रविवार को उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के साथ होगा। प्रात:काल मंदिरों में नित्य नियम पूजा के साथ श्रीजी का अभिषेक व शांतिधारा एवं मंडल विधान की पूजा होगी एवं शाम 4.30 बजे सराफा जैन धर्मशाला में पं. कैलाशचंद अचल द्वारा प्रवचन व श्रीजी का अभिषेक व शांतिधारा होगी। वहीं घासपुरा महावीर जैन मंदिर में भी सुबह मंडल विधान की पूजा के साथ शाम 4 बजे श्रीजी का अभिषेक व शांतिधारा की जाएगी। मंगलवार को क्षमावाणी पर्व मनाया जाएगा। शनिवार को उत्तम आकिंचन्य धर्म की पूजा अर्चना की गई। घासपुरा महावीर जैन मंदिर में शांतिधारा करने का सौभाग्य अशोक अजय लुहाडिय़ा, सिद्धांत अभय लुहाडिय़ा, आदिश राजेश गंगवाल, मनोज नीरज बेनाड़ा को प्राप्त हुआ। शांतिधारा एवं मंडल विधान की पूजा का वाचन नीता अमर लुहाडिय़ा द्वारा प्रस्तुत किया गया। नवकार नगर स्थित मुनिसुव्रत दिगंबर जैन मंदिर में प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ। जिसका समापन रविवार को रात्रि 8 बजे मंदिर प्रांगण में विजेता को सम्मानित कर किया जाएगा।
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