उधर, ड्यूटी डॉ. रानू जायसवाल ने बताया कि महिला के इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई। ऑपेरशन के लिए उसम समय तीन डॉक्टर मौजूद थे। महिला का बीपी बहुत ज्यादा बढ़ गया था। सोनोग्राफी भी पेट में पानी की कमी निकली थी। यह बात परिजनों को भी पता थी। बेहोशी का इंजेक्शन देने के एक मिनट बाद ही महिला को झटके आने लगे और फिर उसकी मौत हो गई। स्टॉफ ने उसे बचाने के लिए पूरा प्रयास किया।
पुलिस की निगरानी में हुआ पीएम
घटना के बाद महिला का पीएम पुलिस की निगरानी में हुआ। इसमें तीन डॉक्टरों की पैनल शामिल रही। वहीं तहसीलदार की मौजूदगी में पीएम हुआ। पुलिस का कहना है कि परिजनों के बयान लेकर आगे की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।