रेल अफसरों की नजर वेंडर्स की चाय पर
पहले सीखा फिर लिया चाय का नमूना, जलगांव की लैब में नहीं मिले जांच करने वाले, रेलवे स्टेशन पर सक्रिय हुआ रेल अमला, चाय बेचने वालों की गिनती हुई कम, चाय बनाने में अखाद्य रंग के प्रयोग की हो रही जांच
Railway officials keep an eye on vendors’ tea
खंडवा. रेलवे स्टेशन में यात्रियों को पिलाई जा रही चाय के बारे में जब पत्रिका ने खुलासा किया तो रेल अमला सक्रिय हुआ। यहां कुछ वेंडर अखाद्य रंग का प्रयोग कर चाय बना रहे हैं और यही चाय यात्रियों को पिलाई जा रही है। खबर प्रकाशित होने के बाद रेल मंडल भुसावल के अफसरों ने इसे गंभीरता से लिया। दूसरी ओर ट्वीट होने पर रेल मंत्रालय ने भी जांच करने को कहा है। खबर छपी तो अमानक चाय पिलाने वाले सतर्क हो गए। स्थानीय अफसरों ने भी अपना जबाव बनाकर तैयार कर लिया है। इन सब के परे खंडवा रेलवे स्टेशन में खाद्य सामग्री को जांचने वाले अधिकारी नीरज कुमार ने जब उच्च अधिकारियों को अखाद्य रंग से बन रही चाय के बारे में बताया और इसकी जांच का तरीका पूछा तो उन्हें मंडल कार्यालय तलब कर लिया गया। वहां चाय का नमूना लेने की प्रक्रिया समझाई और फिर जांच करने के निर्देश दिए।
नमूना लेकर भेजा जलगांव
पहले से सतर्क हो चुके चाय बनाने वाले वेंडर को तलाशना रेल अफसरों के लिए मुश्किल हुआ। लेकिन एक वेंडर रात को मिला जिसकी चाय का नमूना लिया गया। नमूना लेकर उसे जांच के लिए खंडवा डिपो के एक कर्मचारी को जलगांव भेजा गया। वहां जाकर पता चला कि जो अधिकारी जांच करते हैं, वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ऐसे में भेजा गया नमूना वापस आ गया।
अब फिर से नमूना की तैयारी
स्वास्थ्य निरीक्षक अपनी टीम की मदद से फिर से चाय का नमूना लेंगे और उसे अब जांच के लिए भोपाल या इंदौर भेजा जाएगा। इस पूरे मामले में रेल सुरक्षा बल भी सक्रिय है और चिट्ठी के जरिए यह जानने की कोशिश कर रहा है कि अखाद्य रंग का उपयोग कर चाय बनाने वाले कौन लोग हैं। जबकि रेलवे की नजर में ऐसा कोई बचा ही नहीं है जो रेलवे में रहकर छिपकर अपना काम कर ले।
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