शीतला माता मंदिर के पं अंकित मार्कण्डेय ने बताया इस बार रक्षाबंधन का पर्व भद्रा दोष से मुक्त है। साथ ही गुरुवार के दिन श्रवण नक्षत्र और सौभाग्य योग का संयोग भी कम देखने को मिलता है। रात 9.40 बजे से पंचक की शुरुआत होगी। पूर्णिमा तिथि पर उत्तरार्ध के भाग में पंचक के नक्षत्र का रात्रि अनुक्रम त्योहार की शुभता को बढ़ा देता है। इस वर्ष श्रवण नक्षत्र में पूर्णिमा होने से सौभाग्य योग व बालव करण का पंचांग योग बन रहा है, जो गुरु की प्रधानता घोषित करता है। इस प्रकार तिथि, वार, नक्षत्र, करण और योग इन पांचों का समागम होने से रक्षाबंधन पर अति शुभ योग बन रहा है।
-सुबह 6 से शाम 4.23 बजे तक -दोपहर 12 से 1.30 बजे तक
-दोपहर 1.30 से 3 बजे तक -शाम 4.40 से 6 बजे तक
-शाम 6 से 7.30 बजे तक