शहर में 24 घंटे के अंदर दो चाकूबाजी की घटनाओं से दहशत फैल गई थी। शनिवार दोपहर में हुई हत्या के बाद पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने तीनों थाने के निरीक्षकों का विशेष दल बनाकर जांच के आदेश दिए थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कोतवाली थाने के सूचीबद्ध गुंडे को पकड़ा तो सारा मामला सुलझ गया। आरोपी ने नशे में दुकानदार से हुए विवाद के बाद कटर से गला रेत दिया था।
शव ले जाने से किया था मना
शुक्रवार की रात चाकूबाजी की घटना और शनिवार को दिनदहाड़े हत्या के बाद पुलिस पर वैसे दबाव था। हत्या के बाद सिंधी समाज के युवाओं ने आक्रोश भी जताया था और शहर में दुकानें बंद भी कराई थी। हालांकि दुकानें कुछ देर में ही खुल गई थी। इसके बाद शाम को पोस्टमार्टम होने के बाद परिजन और समाजजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया था। शव को मर्चुरी के बाहर रखकर हत्यारे को पकडऩे की मांग की थी। एएसपी सीमा अलावा ने आश्वासन दिया था कि हत्यारे को रात तक पकड़ लिया जाएगा।
आधा घंटा पहले पुत्र देकर गया था टिफिन
मृतक गुलाब राय का पुत्र आकाश घटना के करीब आधा घंटा पूर्व ही दुकान पर टिफिन देकर गया था। इसके बाद सूचना आई की उनकी मौत हो गई। कोतवाली टीआइ बीएल मंडलोई, मोघट टीआइ बीएल अटोदे, पदम नगर थाना प्रभारी बलजीत सिंह बिसेन, एफएसएल अधिकारी डॉ. विकास मुजाल्दा सहित बल मौके पर पहुंचा। घटना कैसे और किसने की इसकी जानकारी आसपास के लोगों को भी नहीं थी। इसके बाद पुलिस ने यहां सीसीटीवी फुटेज देखे, जिसमें एक संदिग्ध नजर आया। पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि सीसीटीवी में दिख रहे संदिग्ध को पकडकऱ पूछताछ की गई तो सारा मामला सुलझ गया। आरोपी कौशल उर्फ कौसर पिता अजीज शाह निवासी रेणुका माता मंदिर ने शुक्रवार को आकाश मोबाइल दुकान से एक हजार रुपए में मोबाइल, सिम और मेमोरी कार्ड खरीदा था। मोबाइल चल नहीं रहा था, इसलिए शनिवार सुबह 11.30 बजे बदलने पहुंचा था। यहां मौजूद गुलाब राय ने कहा था कि आकाश आ जाए तब बदल लेना। इसके एक घंटे बाद आरोपी फिर दुकान पहुंचा था, आकाश दुकान पर नहीं था, जिसके कारण उसका विवाद गुलाब राय से हो गया।
अवैध वेंडर और नशे का आदी है आरोपी
एसपी ने बताया कि आरोपी कौशल उर्फ कौसर कोतवाली थाने का सूचीबद्ध गुंडा है। उसे बांड ओवर भी कर रखा है। आरोपी पर कोतवाली थाने में मारपीट व अन्य धाराओं में सात केस दर्ज हैं। आरोपी रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडर का काम करता है। साथ ही वो नशे का भी आदी है। तीनों थाने के निरीक्षकों सहित एसआइ सुभाष नावड़े, एएसआइ हिफाजत अली, आरक्षक अमर, अमित, धर्मेंद्र, संदीप, अनिल बछाने, दीपेंद्र, नितिन, प्रआ वीरेंद्र यादव, दिलीप पाठक, सुनील सेंगर, अरविंद तोमर, पआ राजेंद्र पांजरे आदि की विशेष भूमिका रही।