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खंडवा

डिलेवरी में निजी पार्ट में छुटा कॉटन पैड, तड़पते हुए पहुंची इस हाल में अस्पताल

मध्यप्रदेश के खरगोन में डॉक्टरों ने प्रसव बाद महिला के शरीर में कॉटन पैड छोड़ दिया। चार दिन बाद तड़पते हुए महिला अस्पताल पहुंची तो खुलासा हुआ।

खंडवाNov 27, 2017 / 10:05 am

संजय दुबे

The loose cotton pad in the womans private part in delivery of these

The loose cotton pad in the womans private part in delivery of these

खरगोन. जिला चिकित्सालय के मेटरनिटी वार्ड में चिकित्सकों की लापरवाही एक महिला की जान पर बन आई। यहां छह दिन पहले शहर की गावशिंदे नगर की एक महिला का प्रसव कराया गया, लेकिन चिकित्सक प्रसव के बाद महिला के पेट से कॉटन पैड निकालना भूल गए। रविवार सुबह महिला की तबीयत बिगडऩे पर मामले का खुलासा हुआ।
परिजन अनिल गुप्ता ने बताया कि छोटे भाई विजय गुप्ता की पत्नी निरुपमा (३०) को 20 नवंबर को प्रसव के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां नार्मल डिलिवरी हुई और बेटे को जन्म दिया। इसके बाद दो दिन तक निरुपमा को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती रखा गया। 22 नवंबर शाम को अस्पताल से छुट्टी होने के बाद उसे घर लाया गया। रविवार सुबह करीब 9 बजे अचानक पेट में तेज दर्द होने लगा। वह बेहोश हो गई। परिजन गंभीर हालत में एक निजी अस्पताल ले गए। यहां चिकित्सक नहीं मिलने से शाम करीब ३.४५ बजे उसे डायवर्सन रोड स्थित निजी अस्पताल लाया गया। यहां महिला चिकित्सक ने निरुपमा के पेट से कॉटन पैड निकाला गया। इलाज के बाद महिला की हालत में सुधार आया।

कॉटन पैड सडऩे से बिगड़ी तबीयत
शाम करीब ४.१५ बजे महिला का निजी अस्पताल में उपचार किया गया। परिजन ने बताया कि महिला के पेट से निकला कॉटन पैड पूरी तरह से खून से लथपथ होकर सड़ चुका था। इसके संक्रमण के कारण अस्पताल परिसर में दुर्गंध फैल गई।

७ घंटे दर्द सहने के बाद चीख पड़ी
७ घंटे तक दर्द सहने और बेहोशी की हालत में रहने के बाद महिला का उपचार हुआ। परिजन के अनुसार चिकित्सक द्वारा उपचार के दौरान कॉटन पैड निकालने पर महिला बुरी तरह से चीख उठी। करीब सात घंटे बाद उसकी आवाज निकल सकी।

दोषियों पर कार्रवाई हो
महिला की तबीयत बिगडऩे पर अनिल गुप्ता ने मामले की सूचना सांसद के निज सचिव प्रभुराम मालवीय को दी। उन्होंने अस्पताल पहुंचकर महिला के हाल जाने। यहां परिजन ने महिला की डिलिवरी के दौरान ड्यूटीरत चिकित्सक व स्टॉफ के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। परिजन ने इसकी लिखित शिकायत भी दर्ज कराने की बात कही।

मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। अब तक किसी भी तरह की शिकायत सामने नहीं आई है। शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी।
डॉ. रमेश नीमा, सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय, खरगोन

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