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खंडवा

दो चिता ठंडी भी नहीं हुई कि तीसरे परिजन की भी आ गई मौत की खबर

एक ही रात में पंधाना के ठाकुर परिवार के तीन सदस्यों की मौत

खंडवाApr 18, 2021 / 11:20 am

harinath dwivedi

police seized half burnt body of man from burning pyre in morena

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पंधाना/खंडवा. कोविड संक्रमण का कहर पंधाना के ठाकुर परिवार पर ऐसा बरसा कि एक के बाद एक करके परिवार के तीन सदस्य काल के गाल में समा गए। शुक्रवार सुबह दो शवों का अंतिम संस्कार कर अस्पताल पहुंचे तो तीसरा शव भी थमा दिया। तीन मौतों से घबराए परिजन कोविड अस्पताल में भर्ती घर के बुजुर्ग सदस्य को आधी रात डिस्चार्ज करा के ले गए। इसके लिए भी मशक्कत करना पड़ी। पंधाना विधायक राम दांगोरे द्वारा अस्पताल में फोन लगाने के बाद बुजुर्ग को शुक्रवार रात २ बजे बाहर निकाला गया।
केस एक- डिस्चार्ज लेटर मिला था, सुबह शव बाहर आया
पंधाना निवासी आशीष सिंह अमरसिंह बैस (३५) को परिजन ने १० दिन पूर्व कोविड वार्ड में भर्ती किया गया था। गुरुवार रात उन्होंने अपने भाई बाला ठाकुर को फोन लगाकर बताया कि ३०१ वार्ड में ऑक्सीजन खत्म होने से २७ नंबर बेड से बिना ऑक्सीजन के दूसरी मंजिल पर १७ नंबर बेड पर ले लाए हैं। बाला ठाकुर ने बताया कि शुक्रवार सुबह अस्पताल से खबर आई कि उनकी मौत हो गई है। जबकि उनका गुरुवार को ही डिस्चार्ज लेटर बन गया था, सुबह छुट्टी कराकर घर ले जाना था। शुक्रवार सुबह उनका शव ढूंढने में भी तीन घंटे लगे थे।
केस दो- ऑक्सीजन के कारण सारी वार्ड ले गए थे
परिवार की दूसरी सदस्य अंजना पति लोकेंद्रङ्क्षसह परिहार (५५) को ब्लड की कमी के कारण ८ दिन पहले खंडवा लाए थे। यहां सारी वार्ड में भर्ती किया गया था। सोमवार को रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। यहां सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, तो वापस सारी वार्ड में लाना पड़ा। देवर नारायण परिहार ने बताया कि गुरुवार तक भाभी बिलकुल नार्मल थीं, बात भी कर रही थीं। रात को ऊपर के वार्ड से नीचे लाने के दौरान उनके साथ हादसा हुआ है। बताया जा रहा है कि वे दो बार स्ट्रेचर से गिरी थीं।
केस तीन- वार्ड में देखकर आए थे तब ठीक थे
परिवार के तीसरे सदस्य निर्भयसिंह उर्फ कोचू बैस (४४) को सात दिन पहले ही भर्ती कराया गया था। सांस लेने की तकलीफ के कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। गुरुवार को छोटा भाई तीरथसिंह पीपीइ किट पहनकर देखने गया था, वेंटिलेटर पर थे, लेकिन स्वस्थ्य दिख रहे थे और बात भी की थी। रात में वार्ड शिफ्टिंग के दौरान कुछ हुए है। शुक्रवार को सुबह आशीष और अंजना भाभी की खबर दी, लेकिन निर्भयसिंह के बारे में कुछ नहीं बताया। तीरथ ने अंदर जाकर ढूंढा तो कही नहीं मिले, रजिस्टर खंगाले तब दोपहर १ बजे पता चला कि उनकी मौत हो गई।

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