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खरगोन

धूल के गुबार से सांस लेना मुश्किल, मास्क लगाकर घर से निकल रहे लोग

खरगोन में धूल ने किया नाक में दम, सनावद रोड पर सबसे ज्यादा प्रदूषण

खरगोनNov 22, 2019 / 01:43 am

Jay Sharma

Air pollution in khargone

Air pollution in khargone

खरगोन. धूल की समस्या क्या होती है इसका अंदाजा केवल दिल्ली से ही मत लगाइए। खरगोन शहर के हालात भी इन दिनों दिल्ली से कम नहीं है। सड़कों पर उड़ती धूल ने शहर की हवा को बिगाड़ दिया है। इसके कारण लोगों की सांसें अटक रही हैं। आंखें जल रही हैं। धूल भरी हवा में लोगों का दम घुटने लगा है। तमाम इंतजामों के बावजूद शहर इस समस्या से जूझ रहा है। तामझाम धरे के धरे रह गए हैं। आलम यह है कि घर से निकलने के पहले लोग मुंह पर मास्क लगा रहे हैं। यह समस्या अब विकराल होने लगी है। शहर के सनावद रोड, गायत्री मंदिर तिराहा, एमजी रोड, बिस्टान रोड, ओरंगपुरा मार्ग के हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। इन मार्गों से निकलते धूल से सांसें थमने लगती हैं। बंदोबस्त के नाम पर केवल यहां सुबह-शाम पानी का छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन यह नाकाफी है।
शहर में जलावर्धन व सीवरेज लाइन ने यहां की सड़कों को इस कदर छलनी किया है कि चलना मुश्किल हो रहा है। गड्ढों की समस्या से जूझने के साथ यहां धूल की समस्या तेजी से बढ़ रही है। मुख्य मार्गों पर १० से १५ फीट की दूरी वाले वाहन धंूधले नजर आते हैं। धूल के गुबारों से लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी है। स्थिति यह है कि लोगों में दमा, अस्थमा व एलर्जी जैसी बीमारी पनप रही है। सेहत तंदुरुस्त रहे इसके लिए लोग सड़कों पर मॉस्क लगाकर निकल रहे हैं।
खुदाई से पहले सड़के चकाचक थी। वाहन चलाने वालों के पेट का पानी तक नहीं हिलता था, लेकिन अब आलम यह है कि शहर में सड़क कम और गड्ढे ज्यादा हैं। वाहन सहित चालक कहीं भी गिर जाते हैं।
रिटायर्ड शिक्षक मंशाराम चौहान, छात्र राजेश बंशीधर, जिगनेश शर्मा ने बताया सड़क की धूल से आंखों में जलन होने लगी है। सांस लेने में तकलीफ होती है। मजबूरी में मास्क पहनना पड़ रहा है। जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार ओपीडी के एक चौथाई मरीज, दमा, अस्थमा और एलर्जी के आ रहे हैं, जिन्हें सांस लेने में समस्याएं हो रही है। बीमारियां पनपने लगी हैं। इतनी परेशानी के बाद भी सड़क की मरम्मत नहीं कराई जा रही है।
वह स्पॉट जहां ज्यादा परेशानी
सनावद रोड : बस स्टैंड से लेकर जैतापुर तक की सड़क बदहाल है। सबसे ज्यादा परेशानी गायत्री मंदिर तिराहे से जिला अस्पताल तक है। यहां राहगीरों को धूल के कारण दम घुटने लगा है।
एमजी रोड : बस स्टैंड से सराफा बाजार व बिरला मार्ग की ओर जाने वाला यह मुख्य मार्ग है। इस मार्ग पर तहसील कार्यालय, थाना, सीएमएचओ कार्यालय भी है, लेकिन यहां भी धूल पसरी है।
ओरंगपुरा मार्ग : नवग्रह मंदिर तिराहे से दामखेड़ा रोड व ओंढल नदी पर बने पुल तक मार्ग जर्जर है। कदम-कदम पर गड्ढे हैं और धूल के गुबारों ने यहां भी राहगीरों का जीना-दूभर कर दिया है।
पीड़ा : घर लौटकर नहाना पड़ता है
भोकले कॉलोनी निवासी प्रकाश मोरे, रितेश गुप्ता, माधव प्रजापति ने बताया घर से निकलते समय चकाचक होकर जाते हैं, कामकाज निपटाने के बाद जब घर आते हैं तो फिर नहाना पड़ता है। सब्जी व्यापारी रामलाल वर्मा ने कहा- मंडी से माल खरीदकर कॉलोनियों तक पहुंचने-पहुंचते सब्जियों पर धूल की परत जम जाती है। ग्राहक लेने से कतराते हैं।
असर : भोजन सामग्री पर बैठ रही धूल
सड़क की धूल से रेस्टारेंट व होटल व्यवसायी भी परेशान हैं। धूल के कण सीधे खाद्य सामग्री पर जम जाते हैं। इससे लोगों ने इस क्षेत्र की दुकानों पर आना ही कम कर दिया है। सड़क किनारे लगे पेड़-पौधों पर धूल इतनी जम गई है कि उनका रंग ही बदल गया है। पत्तियां भूरी नजर आने लगी हैं।

शहर में जेएमसी व पीसी स्नेहल कंपनियां लाइन डालने का काम कर रही है। सड़क बनाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। चंूकि अभी काम प्रगति पर है। धूल की समस्या को दूर करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पानी का छिड़काव दोनों समय किया जा रहा है।
-प्रकाश चित्ते, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर पालिका खरगोन

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