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खरगोन

६५ की उम्र में विधायक ने घोड़ी को नचाया, तालियों से गूंजा मैदान

कलेक्टर-एसपी ने खिंची रस्सी, महिला चेयर रेस, सितोली, क्रिकेट, नींबू रेस आदि गतिविधियों का हुआ आयोजन

खरगोनJan 15, 2018 / 12:38 pm

हेमंत जाट

Balakrishna Patidar, the dance Horse

Balakrishna Patidar, the dance Horse


खरगोन.
हम भी अगर बच्चे होते, खाने को मिलते लड्डू…, दिल तो बच्चा है जी, थोड़ा सच्चा है जी…। ये गीत कभी भुलाए नहीं भूलते। मैदान पर आते ही सभी के मन में बचपन की यादें फिर से ताजा हो गया। अवसर था आनंद उत्सव का। जिला मुख्यालय पर रविवार को उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर जोरदार आगाज हुआ। कार्यक्रम में खरगोन विधायक बालकृष्ण पाटीदार जोश में घोड़ी पर सवार हो गए। उन्होंने मैदान पर ही अपने हुनूर का प्रदर्शन करते हुए घोड़ी को संगीत पर नचाया। इस नजारे को देखकर लोग तालियां नहीं रोक पाए। कलेक्टर अशोक कुमार वर्मा, एसपी डी कल्याण चक्रवर्ती, जिपं सीईओ सीतश कुमार, एसडीएम राजेंद्रसिंह, नपा सीएमओ निशिकांत शुक्ला, नपा अध्यक्ष विपिन गौर सहित महिला अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी थोड़ी देकर के लिए बच्चे बन गए। इस दौरान मैदान पर खूब ठहाके लगे, तो बच्चों की तरह सभी ने जी भरकर मौजमस्ती की। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष बाबूलाल महाजन, नपा उपाध्यक्ष कन्हैया कोठाने सहित पार्षदगण एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
विधायक ने नचाया घोड़ी
कार्यक्रम को लेकर सबसे ज्यादा उत्साहित विधायक पाटीदार देखे गए। जिन्होंने घोड़ी पर सवार होकर उसे संगीत के साथ खूब नचाया। इसके बाद महिलाओं के लिए चेयर रेस का आयोजन किया गया। नोडल अधिकारी दीपक शर्मा ने बताया कि आयोजन में क्रिकेट, गिल्ली डंडा, सिथोली, नींबू रेस, कराते सहित अन्य विधाएं हुई। जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
दिव्यांग बच्चों ने नृत्य से मन जीता
शासकीय दृष्टि व श्रवण बाधित उमावि खरगोन के छात्र-छात्राओं ने नाट्य प्रस्तुति देकर मौजूद नागरिक भी वाहवाही करने से नहीं चुके। श्रवण बाधित स्कूली बच्चों ने महाभारत कथा पर आधारित नट्य नाटिका प्रस्तुत की। दृष्टिबाधित छात्रों ने अपने शिक्षिका से प्राप्त इशारों के माध्यम से नृत्य की अनोखी परिभाषा प्रस्तुत की। वे नृत्य के माध्यम से कभी घोड़े दौड़ा रहे थे। कभी युद्ध कर हरे थे, तो कभी मानव शक्ति और आस्था को जगाने का प्रयास कर रहे थे। नृत्य समाप्ति के पश्चात मौजूद सभी लोगों ने दोनों हाथ उठाकर उनका अभिनंदन किया। मंच से नाट्क के माध्यम से नशामुक्ति का संदेश भी दिया गया। कन्या स्कूल धूलकोट की बालिकाओं ने आदिवासी नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।

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