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खरगोन

मित्रता में धन-दौलत आड़े नहीं आना चाहिए

बड़वाह के सुराणानगर कॉलोनी में चल रही भागवत कथा

खरगोनFeb 25, 2020 / 11:49 pm

अजय पालीवाल

Bhagwat Katha News Khargone

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बड़वाह (खरगोन). नगर के सुराणा नगर कॉलोनी के अंतिम दिन कथा वाचक विजय शर्मा ने श्रीकृष्ण-सुदामा का वृतांत सुनाया। इसे सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। उन्होंने कहा कि मित्रता में धन व दौलत आड़े नहीं आनी चाहिए। श्रीकृष्ण व सुदामा की मित्रता से हम सभी को सही प्रेरणा मिलती है। कृष्ण अपने बाल सखा सुदामा की आव-भगत में इतने विभोर हो गए कि द्वारिका के हाथ जोड़कर और अंग लिपटाकर जल भरे नेत्रों से सुदामा का हाल चाल लेते हैं। भगवान के नेत्रों से इतना पानी निकलता है कि उससे सुदामा के पैर धूल जाते हैं। सुदामा के आने की खबर पाकर किस प्रकार श्रीकृष्ण दौड़ते हुए दरवाजे तक जाते हैं कि मानों उनसे भी बड़ा कोई देवता आ रहा है।
पंडित विजय शर्मा ने सुदामा चरित्र की कथा का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा जो अपनी इंद्रियों का दमन कर ले वही सुदामा है। श्रीकृष्ण भक्त वत्सल हैं, सभी के दिलों में विहार करते हैं। जरूरत है तो सिर्फ शुद्ध ह्रदय से उन्हें पहचानने की।
भजनों से किया मंत्रमुग्ध
श्रीकृष्ण-सुदामा मिलन का वृतांत सुनकर पंडाल में बैठे श्रोताओंं के आंखों से अश्रुधारा निकल पड़ी। वहीं वृतांत के बीच भजन गायकों ने संगीतमयी ढंग से सुनो द्वारपालों कन्हैया से कह दो… दर पे तुम्हारे सुदामा आया है आदि भजनों की प्रस्तुती से मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर श्रीकृष्ण-सुदामा की सजीव झांकी सजा गई। कथा समापन पर भंडारे का आयोजन हुआ। कल्याण गीते, निर्मल दुबे, मुकेश सोनी, विपुल कैसरे, दीपक कुंडल, अजय रावत जगदीश सोनी, मधुसूदन कोठारी, बीके चौबे, अजित गीते शंकर भाई आदि मौजूद थे।
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