मुख्यमंत्री नाथ ने अपने संबोधन में कहा कि नागलवाड़ी के लोक देवता भीलट देव के दर्शनों के लिए अब धुल और दचके नहीं खाने पड़ेंगे। मैं घोषणा नहीं कर रहा हूं, लेकिन अगली बार जब आऊंगा तो शिखर धाम तक पक्की सड़क होगी। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण व पर्यटन मंत्री बघेल ने नागलवाड़ी को पर्यटन क्षेत्र बनाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संबोधित करते हुए कहा कि चाहे बिजली की बात हो, कर्ज की, पेंशन की या सामूहिक विवाह की। शासन ने 7 दिनों में नीति और नियत का परिचय दिया है। शासन ने सतत् किसानों और युवाओं के विकास के अब तक कार्य किए है। माईक्रों सिंचाई योजना 3 वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगी, लेकिन इससे किसानों को पूरा-पूरा लाभ तो तब मिलेगा, जब उन्हें उनके उत्पादन का सही दाम प्राप्त होगा। हम किसानों को अब कर्ज में नहीं डूबने देंगे। मप्र में विकास के नए बाजार नजर आएंगे। कृषि क्षेत्र सबसे बड़ी चुनौती है। यहां 70 प्रतिशत लोग कृषि से जुड़े हंै। इनकी भूमि के लिए पर्याप्त पानी के साथ-साथ उत्पादकता का वास्तविक दाम भी दिलाना होगा।
उच्च शिक्षा से वंचित भगवानपुरा और सेगांव क्षेत्र में शासकीय कॉलेज खोले जाने की मांग क्षेत्रीय विधायक केदार डावर ने की। साथ ही सिंचाई परियोजना में छूटे क्षेत्र के पांच गांवों को शामिल करने की बात रखी। खरगोन विधायक रवि जोशी ने कहा कि 2024 तक हम नर्मदा का पानी ले सकते हैं। इसलिए जितनी योजनाएं बनेगी, उससे क्षेत्र का भला होगा। निमाड़ के हर गांव तक नर्मदा का पानी पहुंचाना लक्ष्य हैं। जिसे पूरा करेेंगे। सचिन यादव ने कमलनाथ को वचनाथ की उपाधि दी।
खोलगांव, रसगांव, बड़ा, गाटलाखेड़ी, दसनावल, सेगांव, भीखारखेड़ी, बिरला, गंधावड़, चंदावड़, कमोदवाड़ा, सतावड़, तलकपुरा, ग्यासपुरा, दोमवाड़ा, जामन्या, जलगोन, जमोठी, खामखेड़ा, दामखेड़ा, पनाली, गोलवाड़ी, जोजलवाड़ी, रहगुन, लेहकू, शरदपुरा, उपड़ी, पनवाड़ा, सीतापुरी, जोगवाड़ा, चिचली, केली, बोरी, कोलखेड़ा, तिरी, आछलवाड़ी, चिचगढ़, सतावड़, बनिहार, देवली, गोलपुरा, सांगवी, भड़वाली, सीनखेड़ी, पान्यादढ़, महुगांव, सेगवी, डालकी, श्रीखंडी, हनुमंत्या, केशवपुरा।