आलीकदर मौला ने जन्नतनशी मौला को उर्स के मौके पर शिद्दत से याद किया। समाज व मानवता के लिए मसीहा बने। देश व समाज के लिए किए गए कार्य अविस्मरणीय है। हम दाऊदी बोहरा कौम है, हमारी पहचान इमाम हुसैन के लिए मातम और आंसू से जुड़ी है। हमारा कोई भी कार्य ऐसा न हो जिससे हमारी कौम पर आंच आए। आप जो भी कमाए उसका एक हिस्सा स्वयं के लिए व दूसरे हिस्से का दान करें। दिन के तीन हिस्से कर उसे कर्म,धर्म और स्वयं व परिवार के लिए उपयोग कर जिंदगी शांति से गुजारे। अंत में पंजतन व इमाम हुसैन की शहादत का बयान हुआ जिसे सुनकर उपस्थित जन समुदाय ने मातम किया।