script117 आदिवासी बच्चों को रेस्क्यू कर ठेकेदारों के चंगुल से छुड़वाया, 70 बच्चे स्कूली सामग्री खरीदने के लिए कर रहे थे मजदूरी | Child line Rescued Child Labours in Khargone Madhya pradesh | Patrika News
खरगोन

117 आदिवासी बच्चों को रेस्क्यू कर ठेकेदारों के चंगुल से छुड़वाया, 70 बच्चे स्कूली सामग्री खरीदने के लिए कर रहे थे मजदूरी

बाल कल्याण समिति ने की काउंसलिंग, 13 बालिगों को छोड़ा खरगोन. आदिवासी अंचल में सोमवार को पिछले 15 दिन में बाल श्रम का तीसरा मामला सामने आया। चाइल्ड लाइन और पुलिस टीम ने गढ़ी-अंजनगांव के बीच चार पिकअप वाहनों में भरकर जा रहे 117 नाबालिग और 13 बालिग मजदूरों को ठेकेदार के चंगुल से छुड़ावाया। चाइल्ड लाइन हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई। बाद में खरगोन जिला बाल कल्याण समिति में काउंसलिंग की गई। श्रम अधिकारी खरगोन शैलेंद्रसिंह सोलंकी का कहना है कि अभी तक नियोजक का नाम पता नहीं चल पाया है, जांच जारी है। वहीं पुलिस का कहना है श्रम विभाग के एफआईआर के बाद ही मामले में कोई ठोस कार्रवाई हो पाएगी।चाइल्ड लाइन के सदस्यों ने बताया दो दिन पहले हेल्पलाइन नंबर 1098 पर बालश्रम की सूचना मिली। दो दिन तक विभाग ने रैकी कर सूचना को पुख्ता किया। सोमवार सुबह 7 बजे पुलिस, श्रम विभाग और चाइल्ड लाइन बिस्टान सब सेंटर की टीम ने गढ़ी और अंजनगांव के बीच बालश्रम के लिए बैठाकर ले जाते चार पिकअप वाहनों को पकड़ा। वहां से सभी को लेकर जिला बाल कल्याण समिति खरगोन लाया गया, यहां दस्तावेज और जांच में स्पष्ट हुआ कि 117 बच्चे नाबालिग हैं, जबकि 13 की उम्र 18 वर्ष से ऊपर है। यहंा सुबह 9 बजे से नाबालिग और उनके परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग शुरू हुई, जो शाम 4 बजे तक चली। पालकों और वाहन चालकों से शपथ पत्र भरवाकर समझाइश दी गई। महिला सभा की टीम ने परिवार के सदस्यों के साथ काउंसलिंग की। पिकअप वाहनों को भी चालानी कार्रवाई कर छोड़ दिया गया।
नाबालिग ने कहा-पिता नहीं, परिवार का बोझ मुझ परमहिला सभा में काउंसलिंग के बाद 10 बच्चे ऐसे थे, जिनके पिता नहीं है। परिवार के भरण-पोषण के लिए उन्हें मजदूरी करना पड़ रही है। एक नाबालिग ने बताया पिता नहीं है। चार छोटे भाई बहनों की परवरिश की जिम्मेदारी कंधों पर है। खुद काम नहीं करूंगा तो परिवार को कैसे चलाऊंगा। काउंसलिंग कर रहे अधिकारी भी यह सुन असमंजस मेें थे।
 

खरगोनJul 02, 2019 / 10:02 pm

रियाज सागर

Rescued Child Labours in Khargone

Rescued Child Labours in Khargone

पढऩा चाहती है झूमकी, पर आर्थिक परेशानी रोड़ा
क्षेत्र की 12 वर्षीय झूमकी (परिवर्तित नाम)। अपनी सहेलियों के साथ मजदूरी के लिए जा रही थी। अफसर उन्हें भी महिला सभा लेकर आए। झूमकी ने बताया आर्थिक स्थिति ठीक नहीं। पढ़ाई के लिए गांव से दूर जाना पड़ता है। किराया कहां से लाएंगे। इसकी व्यवस्था के लिए मजदूरी करना पड़ रही है।
एक परिवार में 8 से 10 सदस्य, इसलिए भी मजदूरी बना मजबूरी
काउंसलिंग में सामने आया कि बड़ परिवार के बच्चों को मजदूरी में मजदूरी करनी पड़ रही है। एक परिवार में आठ से 10 लोग हैं, ऐसे में परिवार का मुखिया सभी का भरण पोषण कराने में सक्षम नहीं है।
श्रम विभाग करे शिकायत, एफआइआर होगी
पुलिस ने चाइल्ड लाइन के सहयोग से 117 बच्चों को ठेकेदारों से छुड़वाया है। 13 बालिग भी शामिल थे। इस मामले में श्रम विभाग का अहम रोल है, यदि वे एफआइआर कराए तो पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी।
– सुनील कुमार पांडेय, एसपी खरगोन

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