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खरगोन

ओडीएफ प्लस-प्लस की पड़ताल करने आएगी टीम, जनता से लेंगे फीडबैक

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020…जनवरी में होगा मुख्य सर्वे, उखड़ी सड़कें, उड़ती धूल लगा सकती है सुंदरता पर दाग

खरगोनNov 16, 2019 / 02:03 am

Jay Sharma

Cleanliness Survey 2020 in khargone

Cleanliness Survey 2020 in khargone

खरगोन. स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए नगर पालिका की तैयारियां चल रही है। इसके लिए शहर को ओडीएफ प्लस घोषित कर दिया और ओडीएफ प्लस-प्लस की दौड़ में है। इसकी पड़ताल करने के लिए टीम इसी सप्ताह शहर में आएगी। सार्वजनिक शौचालयों की जांच करेगी। स्टार रेटिंग से शहर की सुंदरता का जायजा भी लेगी। जलावर्धन व सीवरेज के चलते उखड़ी सड़कें, उड़ती धूल इस सर्वेक्षण में बड़ी बाधा बन सकती है। जनता का फीडबैक भी मायने रखेगा। यदि सफाई को लेकर शहरवासियों ने सकारात्मक जवाब दिए तो 1500 अंक मिलेंगे और यदि सफाई प्रबंधन पर नाराजगी जताई तो इतने ही अंक कट भी सकते हैं। व्यवस्थाएं बेपटरी न हो और शहर सर्वेक्षण में टॉप पर रहे इसके लिए नगर पालिका के अधिकारी प्रयास कर कुछ ही दिनों में अव्यवस्थाओं में सुधार करने की बात कह रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में इस बार नियमों में भी बदलाव किया है। 6 हजार नंबरों के लिए देश के 4237 शहरों में स्वच्छता की रैंकिंग होगी। इसके लिए नगर पालिका जागरूकता से लेकर रात में सफाई और कचरे के अलग-अलग करने के प्रयास कर रही है। अभी भी स्वच्छता सर्वेक्षण के कचरे का उठाव, घरों से अलग-अलग कचरा मिले इसके लिए जागरूकता और कचरे के निष्पादन में जागरूकता की कमी है। ट्रेंचिंग ग्राउंड पर मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी सेंटर बनाया है। यहां सूखे कचरे से प्लॉस्टिक, शीशा, लोहा आदि अलग किया जा रहा है।
शहर को ओडीएफ प्लस घोषित किया जा चुका है। इसके चलते शहर में सुलभ शौचालयों को आधुनिक सुविधा युक्त बनाना। कुछ जगह फीडबैक मशीनें भी लगवाई। सेनेटरी पेड के लिए वेडिंग मशीन और इंसीनरेटर लगवाया जा रहा है। शहर की सफाई में आगे बने हुए हैं। मुख्य बाजारों में दिन और रात में सफाई हो रही है। मुख्य व्यवसायिक क्षेत्रों में रात्रिकालीन सफाई भी कराई जा रही है। इसके साथ ही बाजारों में खुले में कचरा फैकने वालों से जुर्माना वसूला जा रहा है। शहर के 5000 लोगों को स्वच्छता एप डाउनलोड कराया है।
तीन सालों में ऐसी रही रैकिंग
शहर का चौथी बार स्वच्छता सर्वेक्षण होगा। पहली बार 2017 में जो सर्वे हुआ, उसमें शहर को देश में 17वां स्थान मिला। 2018 में व्यवस्थाएं और बेहतर हुई शहर को 15वां स्थान मिला, लेकिन 2019 में उखड़ी सड़कों और उड़ती धूल के कारण सफाई को लेकर व्यवस्थाओं ने दम तोड़ा और हम फिर से पिछड़ गए और रैंकिंग में 17वें नंबर पर पहुंच गए।
चार चरणों में होगा सर्वेक्षण, ऐसे मिलेंगे अंक
नपा स्वास्थ्य अधिकारी प्रकाश चित्ते ने बताया सर्वेक्षण 6000 अंकों का होगा। सर्टिफिकेशन के लिए 1500, डाक्यूमेंटेशन के लिए 1500, डायरेक्ट आब्जर्वेशन के 1500 और सीटीजन फीटबैक के 1500 अंक मिलेंगे।
कचरा संग्रहण के लिए पहले 33 अब 37 वाहन
डोर टू डोर कचरा प्रबंधन में स्थिति को ओर बेहतर करने के लिए नगर पालिका ने वाहन बढ़ाए हैं। नगर पालिका के पास 32 वाहन थे, हाल ही में चार नए वाहनों को शामिल किया है। अब शहर के 33 वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा संगहरण के लिए 37 वाहन चल रहे हैं।
सवालों के सकारात्मक जवाब पर मिलेंगे 1500 नंबर
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर जनवरी में मुख्य सर्वेक्षण होगा। इसमें सरकार की टीम शहर के लोगों से 12 सवाल पूछेगी। यदि लोगों ने शहर की सफाई व्यवस्था से संतुष्ट होकर सवालों का जवाब सकारात्मक दिया तो 1500 से 1000 तक अंक मिल सकेंगे। लोगों ने सफाई प्रबंधन पर नाराजगी जाहिर की तो उतने ही नंबर कट जाएंगे।
यह प्रमुख सवाल पूछे जाएंगे नागरिकों से
क्या आपको मालूम है कि शहर स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में भाग ले रहा है।
क्या आप अपने शहर के सामुदायिक शौचालयों का अच्छा रख-रखाव देखते हैं।
क्या आप अपने आसपास के स्वच्छता स्तर से संतुष्ट हैं।
क्या कचरा संग्राहक द्वारा सूखा, गीला कचरा अलग-अलग देने को कहते हैं।
क्या कचरा प्रतिदिन आपके घर से संग्रहित हो रहा है।
क्या आपने शहर में पानी की बोतल एवं प्लॉस्टिक का इस्तेमाल होता देख रहे हैं।
क्या आपके आसपास कचरा पड़ा रहता है।
शहर में होम कम्पोस्टिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
शहर के सार्वजनिक शौचालय की स्थिति गूगल मैप पर उपलब्ध है।
क्या आप शहर के होटल, स्कूल, अस्पताल, रहवासी संघ, बाजार संघ, कार्यालय क्षेत्र की रैंकिंग से अवगत हैं।
क्या आपको स्वच्छता भारत मिशन के तहत शहर की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ।
सुधार रहे कमी

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में शहर को बेहतर साबित करने के लिए नगर पालिका ने शहर को ओडीएफ प्लस-प्लस घोषित किया है। घर का सूखा व गीला कचरा अलग-अलग कर उसे कचरा वाहनों में डलवाने की व्यवस्था तय है। अन्य कमियों में भी सुधार करेंगे
-निशिकांत शुक्ला, सीएमओ खरगोन

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