शहर का चौथी बार स्वच्छता सर्वेक्षण होगा। पहली बार 2017 में जो सर्वे हुआ, उसमें शहर को देश में 17वां स्थान मिला। 2018 में व्यवस्थाएं और बेहतर हुई शहर को 15वां स्थान मिला, लेकिन 2019 में उखड़ी सड़कों और उड़ती धूल के कारण सफाई को लेकर व्यवस्थाओं ने दम तोड़ा और हम फिर से पिछड़ गए और रैंकिंग में 17वें नंबर पर पहुंच गए।
नपा स्वास्थ्य अधिकारी प्रकाश चित्ते ने बताया सर्वेक्षण 6000 अंकों का होगा। सर्टिफिकेशन के लिए 1500, डाक्यूमेंटेशन के लिए 1500, डायरेक्ट आब्जर्वेशन के 1500 और सीटीजन फीटबैक के 1500 अंक मिलेंगे।
डोर टू डोर कचरा प्रबंधन में स्थिति को ओर बेहतर करने के लिए नगर पालिका ने वाहन बढ़ाए हैं। नगर पालिका के पास 32 वाहन थे, हाल ही में चार नए वाहनों को शामिल किया है। अब शहर के 33 वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा संगहरण के लिए 37 वाहन चल रहे हैं।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर जनवरी में मुख्य सर्वेक्षण होगा। इसमें सरकार की टीम शहर के लोगों से 12 सवाल पूछेगी। यदि लोगों ने शहर की सफाई व्यवस्था से संतुष्ट होकर सवालों का जवाब सकारात्मक दिया तो 1500 से 1000 तक अंक मिल सकेंगे। लोगों ने सफाई प्रबंधन पर नाराजगी जाहिर की तो उतने ही नंबर कट जाएंगे।
क्या आपको मालूम है कि शहर स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में भाग ले रहा है।
क्या आप अपने शहर के सामुदायिक शौचालयों का अच्छा रख-रखाव देखते हैं।
क्या आप अपने आसपास के स्वच्छता स्तर से संतुष्ट हैं।
क्या कचरा संग्राहक द्वारा सूखा, गीला कचरा अलग-अलग देने को कहते हैं।
क्या कचरा प्रतिदिन आपके घर से संग्रहित हो रहा है।
क्या आपने शहर में पानी की बोतल एवं प्लॉस्टिक का इस्तेमाल होता देख रहे हैं।
क्या आपके आसपास कचरा पड़ा रहता है।
शहर में होम कम्पोस्टिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
शहर के सार्वजनिक शौचालय की स्थिति गूगल मैप पर उपलब्ध है।
क्या आप शहर के होटल, स्कूल, अस्पताल, रहवासी संघ, बाजार संघ, कार्यालय क्षेत्र की रैंकिंग से अवगत हैं।
क्या आपको स्वच्छता भारत मिशन के तहत शहर की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ।
-निशिकांत शुक्ला, सीएमओ खरगोन