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खरगोन

अलर्ट…निमाड़ में ठंड का कहर, दस साल का रिकॉर्ड टूटा

खरगोन में १.८ डिग्री पर पहुंचा पारा, ठिठुरा अंचल, ३० जनवरी को स्कूलों में रही छुट्टी, फसलों पर पाला पडऩे का खतरा

खरगोनJan 30, 2019 / 12:50 pm

हेमंत जाट

cold day Khargone has two degrees temperature

शीतलहर चलने से मंगलवार दिन में लोग परेशान होते रहे

खरगोन.
इनदिनों समूचे उत्तर भारत और प्रदेश में शीतलहर का प्रकोप देखा जा रहा हैं। जिसके चलते निमाड़ अंचल में कड़ाके की ठंड गिर रही हैं। इस कारण तापमान में लगाता गिरावट दर्ज की जा रही है। मंगलवार को न्यूनतम पारा दो डिग्री पर पहुंच गया हैं और इसके चलते सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। उधर, कड़ाके की ठंड और शीतलहर को देखते हुए कलेक्टर गोपालचंद्र डाड ने ३० जनवरी को समस्त शासकीय और निजी स्कूलों में नर्सरी से कक्षा १२ वीं की छुट्टी घोषित की है। जिससे बच्चों को ठंड से राहत मिलेगी।
जिले में इस बार ठंड का शीतम कहर बरपा रही हैं। मंगलवार को इसका रौद्र रूप नजर आया। सर्द हवाओं के कारण लोग दिनभर ठिठुरते रहे। पिछले करीब तीन से चार दिनों से कड़ाके की ठंड गिर रही हैं। तापमान में आई अपेक्षाकृत कमी के कारण पाला गिरने का खतरा भी बढ़ गई हैं। हालांकि अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों से फसल खराब होने संबंधित शिकायत नहीं आई हैं। उल्लेखनीय है कि २९ दिसंबर को जिले में न्यूनतम तापमान ३ डिग्री रिकॉर्ड किया गया था। जनवरी के पहले पखवाड़े में सर्दी में थोड़ी कमी आई थी। वहीं अब फिर से ठंड ने अपना जोर दिखाना शुुरु कर दिया हैं।
जनजीवन पर होने लगा असर
कड़ाके की ठंड गिरने से अब उसका जनजीवन पर भी विपरीत असर पडऩे लगा हैं। सुबह जल्दी उठकर काम पर जाने वाले लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हुई। मंगलवार सुबह करीब ९ बजे तक लोग बिस्तरों से बाहर नहीं निकल सके। वहीं दोपहर ३ बजे बाद से ही मौसम में ठंड का असर होने लगा। वहीं शाम ५ बजे आते-आते शहर को कड़ाके की ठंड ने अपने आगोश में ले लिया।
धूप में बैठकर की पढ़ाई
शीतलहर के चलते वैसे तो हर वर्ग परेशान रहा। लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कतें किसानों और विद्यार्थियों को उठाना पड़ रही हैं। स्कूलों में कक्षाओं के अंदर बैठने के बजाए मंगलवार को कई शिक्षक और शिक्षिकाएं बाहर खुले में क्लास लगाकर बैठे। बच्चों ने भी धूप में बैठकर पढ़ाई की।
तीन साल बाद ठंड का कहर
क्षेत्र में ठंड का असर हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहा हैं। आंचलिक अनुसंधान केंद्र से मिली जानकारी २०१५-१६ में दिसंबर के दौरान न्यूनतम तापमान ३.२ डिग्री तक गया था। इस साल यह २ डिग्री तक पहुंच गया हैं। कृषि अधिकारी ने भी इस और हैरत जाहिर करते हुए तापमान में आई कमी को फसलों के लिए नुकसानदेह बताया।
नुकसानी की आशंका
जिले में दो डिग्री तापमान की जानकारी से अचंभित हूं। तापमापी यंत्र में भी खराबी हो सकती हैं। बहरहाल यदि तापमान में इस तरह की कमी आई, तो निश्चित तौर चिंताजनक हैं। अभी फसलों की नुकसानी की सूचना नहीं है।
एमएल चौहान, कृषि उप संचालक

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