जुताई के काम में लगे शिक्षकों ने बैलों को हल, बक्खर में जोता और दो दिन में जमीन को तैयार कर दिया है। गांव के किसान मनोज छापरिया ने अपनी बैलजोड़ी किसानों को दी। उपकरण भी उन्ही के लिए। इस काम में कमलचंद चौधरी, श्रीराम नायक, कमलसिंह सोलंकी, मुकेश चौधरी, अनिता करोले खेती के काम में जुटे हैं।
परिसर के 200 फीट लंबाई और 100 फीट चौड़ाई वाली जगह पर कीचन गार्डन तैयार किया जाएगा। अब तक यह जमीन अनुपयोगी थी, लेकिन यहां से अब सब्जियां मिलेगी। बच्चों के लिए गार्डन तैयार किया जाएगा। इसके लिए जनसहयोग से शिक्षकों ने फूलदार पौधे भी खरीदे हैं।
प्रधानपाठक कुशवाह ने बताया सरकारी स्कूलों के इतिहास में यह पहला ऐसा प्रयोग होगा जहां प्रायवेट स्कूलों की तर्ज पर हाईटेक सुविधाएं सहयोग से जुटाई जा रही है। मकसद यह है कि ज्यादा से ज्यादा सरकारी स्कूल में बच्चों को एडमिशन कराया जाए। यहां बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले लगाएंगे। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।