किसान के पास वर्तमान में दूध देने वाली चार भैंस हैं और वह अपना कारोबार बढ़ाने चाहते हैं। लेकिन विडंबना यह है कि उन्हें बैंक से लोन नहीं मिल पा रहा है। लगातार चक्कर लगा रहे हैं। यह बात उन्होंने सांची दुग्ध संघ के अधिकारियों को भी बताई है। जिस पर लोन का भरोसा मिला है।
25 लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन कर रहे
भुवानीराम वर्मा रोजाना गांव से दूध लेकर मंडलेश्वर बेचने जाते हैं। पहले फेरी लगाकर वह दूध घर-दुकानों पर देते थे। लेकिन फिर सहकारी डेयरी मंडलेश्वर के सदस्य बने। गांव में 2. 25 बीघा जमीन से अपनी रोजी.रोटी चलाने वाले किसान ने दुग्ध व्यवसाय को भी अपनाया है। भुवानीराम प्रतिदिन 25 लीटर दूध का उत्पादन भले ही करते हो, लेकिन जब से भारत शासन ने डिजिटल लेन-देन शुरू किया। तब से वे निरंतर इसको बढ़ावा देते रहे है और डेयरी से तो डिजिटल भुगतान होता ही है। दुग्ध सेंटर दुधी द्वारा उन्हें पिछले 36 किश्तों का भुगतान डिजीटल किया। किसान का कहना है कि नोटबंदी के समय प्रधानमंत्री ने डिजीटल पेमेंट की बात जनता से कही थी। इसके बात का भुवानीराम पर ऐसा असर हुआ कि वह पिछले तीन सालों से अपने छोटे-बड़े कामों के लिए डिजीटल ही लेन-देन करते हैं।