उक्त प्रकरण में पिता द्वारा अपने बेटे की निर्मम हत्या की गई। लिहाजा शासन ने प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया। खरगोन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर अनुसंधान बाद अभियोग पत्र चतुर्थ अपर सत्र न्यायालय खरगोन में प्रस्तुत किया। यहां न्यायाधीश सुभाष सोलंकी ने आरोपी हजारिया को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 2000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन का संचालन जिला लोक अभियोजन अधिकारी जेएस तोमर ने किया।