मिशन का मुंह चिढ़ा रहे अधूरे शौचालय
नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण का काम जोर-शोर से शुरू किया गया था। केंद्र सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार 2 अक्टूबर 2015 तक शत-प्रतिशत शौचालय निर्माण का लक्ष्य तय किया गया था।
This has been incomplete in the construction of toilets.
बड़वाह (खरगोन). वर्ष 2017 आधा बीतने के बाद भी यह लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा रहा है। इस बीच नगर व क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त भी घोषित कर दिया गया। हकीकत यह है कि आज भी अधूरे बने शौचालय स्वच्छ भारत मिशन का मुंह चिढ़ा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी स्थिति में कैसे खुले में शौच से मुक्ति मिल सकती है। इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारी भी जवाब देने से कन्नी काट रहे हैं।
ग्रामीण लगा रहे चक्कर
नगर से लगी हुई बड़वाह कस्बा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले बजरंग घाट क्षेत्र में अनेक हितग्राहियों के शौचालय का निर्माण शुरू तो किया गया, लेकिन यह आज तक पूरा नहीं हुआ है। शौचालय निर्माण के लिए शासन द्वारा प्रति हितग्राही 12 हजार रुपए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस राशि के लिए अनेक हितग्राही जनपद पंचायत कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। इसके बावजूद राशि नहीं दी जा रही है। क्षेत्र की निवासी चंद्रकला पति संतोष, शांताबाई पति किशोर, रतनलाल पिता मांगीलाल, रामसिंह रावत, धन्नालाल पिता मनिराम, ओमप्रकाश रावत व अन्य ने बताया कि राशि नहीं मिलने से शौचालयों का निर्माण ही नहीं हो पाया है। इसके कारण हमको आज भी शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर कर दिया गया है।
दबाव पड़ा तो आधे-अधूरे निर्माण कराए
ग्राम पंचायतों को ओडीएफ करने के लिए शासन स्तर पर सघन अभियान चलाया गया। इसके तहत सरपंचों, सचिवों व रोजगार सहायकों सहित जनपद अधिकारियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए। शौचालय निर्माण के लिए, जब दबाव बनने लगा तो ग्रामीण क्षेत्रों में ताबड़तोड़ शौचालयों के निर्माण प्रारंभ कर दिए। यह शौचालय भी आधे-अधूरे बनाकर छोड़ दिए गए। इसके कारण ग्रामीणों को इनका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हेमेंद्रसिंह चौहान ने बताया कि इस संबंध में कोई शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। हितग्राहियों को राशि उपलब्ध कराई जाएगी।