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खरगोन

मप्र के इस जिले में मचा है हाहाकार, सब लाचार

-दूर-दूर तक पानी नहीं, पेयजल के लिए 10वें दिन सप्लाई, खेत भी खाली

खरगोनJul 17, 2021 / 06:45 pm

Gopal Joshi

No water far and wide

हर कोई आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठा है।

खरगोन.
मप्र का खरगोन जिला। 22 लाख आबादी वाले इस जिले में पानी को लेकर किल्लत है। मानसून रुठा है और धरती पर जमा पानी भी शनै-शनै सिमटने लगा है। कंठ सूखे हैं और धरती भी। पेयजल के लिए ग्रामीण इलाकों में 10वें दिन बंदोबस्त हो रहे हैं जबकि फसलें सूखने लगी है। अच्छी बारिश की आस में किसान बैठे हैं। जिले के अधिकांश तालाब सूख चुके हैं। हर कोई आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठा है।
जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल तालाबों की संख्या 154 है। इसमें 153 लघु तालाब हैं। फिलहाल इनमें से 131 तालाब में एक बंूद पानी नहीं है। २३ तालाब भी छोटी तलैया में सिमट कर रह गए हैं। जिले की कसरावद तहसील के खड़केल व गवला तालाब में 100 प्रतिशत पानी है। शेष 21 तालाब में 5 से 47 प्रतिशत तक जल भराव है।
ग्रामीण इलाकों में ज्यादा परेशानी
ग्रामीण इलाकों की पेयजल व्यवस्था और मवेशियों का बंदोबस्त भी इसी पानी से होता है। इसके अलावा सिंचाई के स्त्रोत भी यह तालाब ही है। लेकिन वर्तमान में १२३ तालाब में नाम मात्र का पानी है। इससे ग्रामीण इलाकों में भी किल्लत होने के आसार है। कसरावद तहसील की ग्राम पंचायत पंधानिया फिलहाल पेयजल संकट से जुझ रही है। रहवासियों ने बताया १०-१० दिनों में पानी की व्यवस्था होती है। आलम यह है कि स्टोरेट के पानी पर ही यहां के रहवासी आश्रित है। इसके अलावा पहाड़ी इलाकों के गांवों में भी समस्या विकराल हो रही है।
फसलें हो रही बर्बाद, तालाब सूखा
सनावद क्षेत्र से लगे ग्राम हीरापुर व आसपास के क्षेत्र में पानी की भारी समस्या है। यह क्षेत्र नहर से अछूता है। ग्रामीण तालाबों पर आश्रित है, लेकिन इनमें पानी नहीं। हीरापुर के मंगत गुलिया, त्रिलोकचंद पटेल, विजय पटेल ने बताया पानी के अभाव में फसलें दम तोड़ रही है।
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