ग्रामीण इलाकों की पेयजल व्यवस्था और मवेशियों का बंदोबस्त भी इसी पानी से होता है। इसके अलावा सिंचाई के स्त्रोत भी यह तालाब ही है। लेकिन वर्तमान में १२३ तालाब में नाम मात्र का पानी है। इससे ग्रामीण इलाकों में भी किल्लत होने के आसार है। कसरावद तहसील की ग्राम पंचायत पंधानिया फिलहाल पेयजल संकट से जुझ रही है। रहवासियों ने बताया १०-१० दिनों में पानी की व्यवस्था होती है। आलम यह है कि स्टोरेट के पानी पर ही यहां के रहवासी आश्रित है। इसके अलावा पहाड़ी इलाकों के गांवों में भी समस्या विकराल हो रही है।
सनावद क्षेत्र से लगे ग्राम हीरापुर व आसपास के क्षेत्र में पानी की भारी समस्या है। यह क्षेत्र नहर से अछूता है। ग्रामीण तालाबों पर आश्रित है, लेकिन इनमें पानी नहीं। हीरापुर के मंगत गुलिया, त्रिलोकचंद पटेल, विजय पटेल ने बताया पानी के अभाव में फसलें दम तोड़ रही है।