आपको बता दें कि, ये स्थिति इसलिए पैदा हुई क्योंकि पिछले काफी दिनों से शासन के सामने ये शिकायत आ रही थी कि, किसानों के नाम पर व्यापारी चना बेच रहे हैं और सरकार द्वारा जारी किए गए समर्थन मूल्य का लाभ ले रहे हैं। जिसपर सजग रवय्या अपनाते हुए शासन ने ऐसे एजेंटों पर नकेल कसने की चेतावनी दे डाली है। आपको बता दें कि, पिछले 10 अप्रेल से जिले में छह खरीदी केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर चना खरीदा जा रहा है। जिसमें किसान के स्पष्टीकरण के लिए खरीदी केंद्रों पर पंजीकृत किसानों का पंजीयन पत्र, बैंक पासबुक, परिवार आईडी देखकर ही उपज की खरीद की जा रही है।
हालांकि, इस साल अब तक समर्थन मूल्य पर चना बेचने के लिए करीब 10 हजार 843 किसानों का पंजीयन किया गया है, इनमें से 4 हजार 634 किसानों से 90 हजार 514 क्विंटल खरीदी की जा चुकी है। समर्थन मूल्य पर खरीदा हुआ चना सुरक्षित गोदामों में भंडारण किया जा चुका है। खरीदी 9 जून तक की जाएगी। इधर, आवक बढ़ने के साथ ही भाव में गिरावट आई है। समर्थन मूल्य पर चने का भाव 4400 रुपए प्रति क्विंटल और 100 रुपए का बोनस निर्धारित किया गया है, लेकिन भाव 2 हजार 885 से 3 हजार 714 रुपए प्रति क्विंटल तक मिला है, जबकि पिछले साल यही भाव 2 हजार 626 से 5 हजार 881 रुपए प्रति क्विंटल था। इस बार रकबा भी बढ़ा है।